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सांसद अजय भट्ट ने कहा बरसात बाद शुरू होगा जमरानी बांध का निर्माण कार्य NAINITAL NEWS

डीएम सविन बंसल के साथ परियोजना क्षेत्र के दौरा करने पहुंचे सांसद अजय भट्ट ने ये जानकारी दी। कहा कि इसके लिए सांसद ने सिंचाई विभाग के अफसरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 06:47 PM (IST)
सांसद अजय भट्ट ने कहा बरसात बाद शुरू होगा जमरानी बांध का निर्माण कार्य NAINITAL NEWS
सांसद अजय भट्ट ने कहा बरसात बाद शुरू होगा जमरानी बांध का निर्माण कार्य NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : बहुप्रतिक्षित जमरानी बांध का निर्माण कार्य बरसात के बाद शुरू कर दिया जाएगा। पहले कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट का कार्य होगा। डीएम सविन बंसल के साथ परियोजना क्षेत्र के दौरा करने पहुंचे सांसद अजय भट्ट ने ये जानकारी दी। कहा कि इसके लिए सांसद ने सिंचाई विभाग के अफसरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बताया कि इस योजना केकंतर्गत झील का भी निर्माण भी होगा, जिससे 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के लिए अब तक कुल 89 करोड़ रुपये अवमुक्त हो चुके हैं। प्रदेश सरकार ने इस साल मार्च में 42 करोड़ रुपये व अगस्त में 47 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। 

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सांसद ने इस दौरान डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनीं। कहा कि वह इस बांध के निर्माण के लिए अपनी समस्याएं व सुझाव डीएम या सिंचाई विभाग के अफसरों को 10 दिन के भीतर दे दें। सुझावों व समस्याओं के निराकरण के लिए जिलाधिकारी ने एक समिति का गठन भी कर दिया है। सांसद अजय भट्ट ने बताया कि सरकार की ओर से मिली धनराशि से क्षतिपूरक वृक्षारोपण व 10 सालों तक रखरखाव के लिए 9.79 करोड़ रुपये, मिट्टी तथा नमी संरक्षण गतिविधियों के लिए 2.43 करोड़ रुपये, एनपीबी के लिए 29.70 करोड़ रुपये तथा कैचमैंट एरिया ट्रीटमेंट प्लांट पर 47 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी।

बरसात के बाद शिविर लगाकर दूर की जाएंगी समस्याएं 

डीएम ने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना का अनुश्रवण उनके स्तर पर प्रभावी तरीके से किया जाएगा। खेती, गौशाला, भवन, स्कूल अन्य सरकारी व गैर सरकारी सम्पत्तियां वर्तमान स्थिति में विस्थापित होने के उपरान्त और अधिक बेहतर स्थिति में होंगी। भूमि, भवन, मालिकाना हकों की भ्रांतियों व समस्याओं को दूर करने के लिए वर्षाकाल के बाद राजस्व महकमे के विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। 

डूब क्षेत्र का फिर सर्वे करेगा सिंचाई विभाग 

मुख्य अभियन्ता सिंचाई एमसी पांडे ने बताया कि 1989 के सर्वे के अनुसार इस परियोजना से प्रभावित गांव की संख्या छह थी। 1029 प्रभावित परिवार, 688 प्रभावित होने वाले व्यक्ति, प्रभावित होने वाली 47.39 हेक्टेयर कृषि भूमि चिह्नित की गई थी। उस समय पनियाबोर, गनराड, पसतोला, उडवा, मुडकुडिया तथा तिलवाडी ग्राम/तोक शामिल हुये थे। मौजूदा समय मे इस सर्वे को नए सिरे से पुन: किया जाएगा तथा वास्तविक वर्तमान सर्वे के अनुसार सिचाई महकमा कार्यवाही करेगा। उन्होने बताया कि इस परियोजना से नौ गांव पनियामेहता, गुमालगांव, रौसिल, पसौली, भवर्सा, अना, कुलादेहरा तथा अमृतपुर आंशिक रूप से प्रभावित होंगे। उन्होने बताया कि डूब क्षेत्र को पुन: सर्वे कर रेखांकन किया जाएगा।


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