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छह दिनों से आंदोलन जारी, न प्रशासन आया हरकत में न टस से मस हुए उपनल कर्मचारी

डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के उपनलकर्मी छठे दिन मंगलवार को बुद्ध पार्क में गरजे। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण की मांग उठाई। इसके चलते अस्पताल की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 12:20 PM (IST)
छह दिनों से आंदोलन जारी, न प्रशासन आया हरकत में न टस से मस हुए उपनल कर्मचारी
छह दिनों से आंदोलन जारी, न प्रशासन आया हरकत में न टस से मस हुए उपनल कर्मचारी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के उपनलकर्मी छठे दिन मंगलवार को बुद्ध पार्क में गरजे। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण की मांग उठाई। इसके चलते अस्पताल की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। धरनास्थल पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे उपनलकर्मियों का कहना है कि सरकार को हमारी रोजी-रोटी की चिंता करनी चाहिए। आखिर कब तक हम अव्यवस्था व अनदेखी का शिकार होते रहेंगे। हमारी सिर्फ दो मांगें हैं, समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। तभी हम धरना समाप्त करेंगे।

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मरीज बोले, हमें झेलनी पड़ती है मुसीबत

एसटीएच में उपचार के लिए पहुंचे लालकुआं निवासी सुरेश का कहना है कि वह 65 वर्षीय अपनी माताजी को दिखाने लाए हैं। डाक्टर ने तो देख लिया लेकिन सैंपल जांच तक नहीं हो रही है। आखिर बार-बार हमें ही हड़ताल की मार झेलनी पड़ती है। यही हाल तमाम अन्य मरीजों का है।

बेस अस्पताल में बढ़ी भीड़

एसटीएच में व्यवस्था चरमराने के चलते बेस अस्पताल में भीड़ बढ़ गई है। भले ही अस्पताल में कोविड की जांच हो रही है, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन नहीं नजर आया। इसके लेकर अस्पताल प्रबंधन भी असमंजस में है।

सफाई कराना सबसे बड़ी चुनौती

एसटीएच प्रबंधन के लिए सफाई कराना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। भले ही नगर निगम से सफाई कर्मचारी बुलाकर सफाई कराई जा रही है, लेकिन यह अपर्याप्त ही साबित हो रही है। वार्डों में गंदगी है। साथ ही परिसर में भी धूल व गंदगी जम गई।

ऑपरेशन समेत कई कार्य लगातार हो रहे प्रभावित

इमरजेंसी ऑपरेशन तो हो रहे हैं, लेकिन बाकी मरीजों को लौटा दिया जा रहा है। इस तरह की स्थिति से दूर-दराज से पहुंचने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इस अव्यवस्था के चलते सरकार खामोश है।

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