20 से 24 जून के बीच तीन ग्रहों की चाल बदलेगी, राजनीतिक से लेकर आर्थिक स्तर पर दिखेगा बदलाव
जून का चौथा सप्ताह खगोलीय व ज्योतिष के लिहाज से खास रहने वाला है। ज्योतिष विज्ञान के जानकारों का कहना है 20 से 24 जून के बीच तीन ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। खगोलीय विज्ञान के अनुसार 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन रहेगा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : जून का चौथा सप्ताह खगोलीय व ज्योतिष के लिहाज से खास रहने वाला है। ज्योतिष विज्ञान के जानकारों का कहना है 20 से 24 जून के बीच तीन ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। खगोलीय विज्ञान के अनुसार 21 जून, साल का सबसे बड़ा दिन रहेगा। इस दिन सूर्य कर्क रेखा पर आ जाएगा। जिससे कर्क रेखा के नजदीकी जगहों पर दोपहर में कुछ देर के लिए परछाई नहीं दिखेगी।
बृहस्पति के वक्री होने से होगी शुरुआत
20 जून को बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में वक्री हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन जोशी के मुताबिक गुरु के वक्री होने से राजनैतिक उथल-पुथल होगी और बड़े बदलाव भी दिखेंगे। प्राकृतिक आपदाओं की आशंका रहेगी। 18 अक्टूबर को बृहस्पति सीधी चाल से चलने लगेगा और 21 नवंबर को फिर से कुंभ राशि में आ जाएगा।
साल का सबसे बड़ा दिन
21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत रहेगा। उत्तरी गोलाद्र्ध में सबसे बड़ा दिन रहेगा और रात सबसे छोटी होगी। इस दिन कर्क रेखा के नजदीकी जगहों पर दोपहर में कुछ देर के लिए परछाई गायब हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को ग्रीष्म कालीन संक्रांति या जून संक्रांति कहा जाता है।
शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश
22 जून को शुक्र मिथुन से निकलकर कर्क में प्रवेश कर जाएंगे। कर्क में शुक्र की युति मंगल के साथ होगी। शुक्र के राशि परिवर्तन से देश के आॢथक हालातों में सुधार हो सकता है। हालांकि महंगाई बढ़ेंगी। शुक्र की चाल में बदलाव होने से लोगों में आपसी विवाद और तनाव की स्थित भी बनेंगी।
बुध ग्रह होगा मार्गी
23 जून को बुध ग्रह वृष राशि में रहते हुए टेढ़ी चाल बदलकर सीधा चलने लगेगा। हालांकि इस दौरान बुध अस्त ही रहेगा। बुध के चाल में हुए इस बदलाव के कारण देश में आॢथक गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। कई लोगों के लिए लेन-देन और निवेश में अच्छा समय रहेगा। लोग खरीदारी ज्यादा करेंगे। शेयर मार्केट में भी बड़े उतार-चढ़ाव आएंगे।
आमने सामने होंगे सूर्य व चंद्रमा
24 जून को सूर्य व चंद्रमा एक दूसरे के आमने-सामने यानी ठीक 180 डिग्री पर रहेंगे। हिंदू कैलेंडर में इस दिन ज्येष्ठ पूॢणमा पर्व रहेगा। इसके अगले दिन आषाढ़ महीने की शुरुआत हो जाएगी। पुराणों के मुताबिक ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किए गया दान का पुण्य कभी खत्म नहीं होता।
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