उत्तराखंड लौटे दो लाख से अधिक प्रवासियों को नौकरी की चाह नहीं, नहीं पहुंचे रोजगार दफ्तर
सरकार रोजगार के लिये प्लान तैयार कर रही है मगर लौटे प्रवासियों रोजगार की चिंता कम ही दिख रही है।
नैनीताल, जेएनएन : राज्य में प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी है और सरकार रोजगार के लिये प्लान तैयार कर रही है, मगर लौटे प्रवासियों रोजगार की चिंता कम ही दिख रही है। कम से कम रोजगार कार्यालय के आंकड़े तो यही कह रहे हैं। दरअसल महानगरों से कोरोना के चलते प्रवासी पहाड़ जरुर चढे हैं मगर रोजगार कार्यालय अब भी इनसे दूर ही है। लाखों लौटे प्रवासियों के बाद भी रोजगार कार्यालय में रोजगार के लिये पंजीकरण में कमी आई है तो युवा इन सेंटरों तक भी नहीं आ रहे हैं।
आंकड़ों की जुबानी
2012 7369
2013 7106
2014 10510
2015 8913
2016 7377
2017 6997
2018 7120
2019 5463
लॉकडाउन के बाद मार्च 22 के बाद अप्रैल महिने में 129 लोगों ने ही रोजगार के लिये आवेदन किया तो मई में 137 और जून में 100 ही लोगो रोजगार मांगने यहां पहुंचे।
सरकार ने तैयार किया है प्रवासी रोजगार प्लान
कोरोना के संक्रमण के बेरोजगार हुए लोग लौटे तो सरकार भी केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं का लाभ देने का प्लान तैयार किया है। कुमाऊँ मण्डल में ही लाखों लौटे बेरोजगारों के लिये उनके योग्यता के योग्यता के अनुसार काम देने पर काम चल रहा है तो जिलों में प्रवासियों को कंट्रोल रुम की मदद से योजनाओं के लाभ बनाने के निर्देश सभी डीएम को दिये हैं। कमिश्नर व सचिव मुख्यमंत्री अरविंद सिंह ह्यांकी कहते हैं कि सभी डीएम को निर्देश दिये हैं कि प्रवासियों की क्षमता के अनुसार उनको केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दें और जिलों में भी एक कंट्रोल रुम ऐसा तैयार करें जो लोगों को रोजागर के लिये जानकारी दे। सचिव ने कहा कि हर प्रवासी को रोजगार यहीं दिया जायेगा ताकि पहाड़ से पलायन को भी कम कर सकें। यह भी बताया कि जिलों में कंट्रोल रूम के माध्यम से पंजीकरण व ऋण देने की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है।
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