Kumaon Weather Update : मानसून काल बीता, मानसून की विदाई के लिए इंतजार
बागेश्वर व चमोली जिले में मानसून आवश्यकता से अधिक मेहरबान रहा जबकि चम्पावत हरिद्वार व पौड़ी जिलों में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से कम बारिश हुई है। मौसम विज्ञानियों ने मानसून को उत्तराखंड के लिहाज से बेहतर बताया है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी विदा नहीं हुआ है, लेकिन मौसम विज्ञान के तय मापदंडों के मुताबिक गुरुवार को मानसून काल बीत गया। एक अक्टूबर से होने वाली बारिश मानसून सीजन के हिस्से नहीं आएगी। इसे पोस्ट मानसून माना जाएगा। पूरे मानसून सीजन में उत्तराखंड में सामान्य से महज दो फीसद कम बारिश हुई। बागेश्वर व चमोली जिले में मानसून आवश्यकता से अधिक मेहरबान रहा, जबकि चम्पावत, हरिद्वार व पौड़ी जिलों में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से कम बारिश हुई है। मौसम विज्ञानियों ने मानसून को उत्तराखंड के लिहाज से बेहतर बताया है।
कुमाऊं के जिलों में मानसूनी बारिश (मिमी में)
जिला होनी थी हुई कम/ज्यादा (त्न)
नैनीताल 1425.0 1248.0 -12
अल्मोड़ा 842.7 815.5 -3
बागेश्वर 842.7 2207.0 162
पिथौरागढ़ 1544.9 1447.1 -6
चम्पावत 1338.0 908.9 -32
यूएसनगर 1073.6 936.0 -13
उत्तराखंड 1176.9 1152.9 -2
जिले में नहीं हुई जनहानि
जिला आपदा कंट्रोल रूम से प्राप्त अपडेट के अनुसार इस बार मानसून में नैनीताल जिले में कोई जनहानि नहीं हुई। जिले में 10 भवनों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची। जलीय आपदा में एक जानवर की मौत हुई।
देश में बारिश की स्थिति
मानसून में देश में औसत से महज एक फीसद कम बारिश हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तराखंड समेत 22 प्रदेशों में सामान्य, पांच में सामान्य से अधिक, नौ में कम व एक में अत्यधिक कम बारिश हुई। मणिपुर इकलौता राज्य रहा जहां औसत से 60 फीसद कम बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश तेलंगाना में हुई। जहां औसत से 39 फीसद अधिक बरसात हुई।
पांच तक मानसून विदाई के आसार नहीं
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि मानसूनी की विदाई में इस बार देर हो रही है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। इसके प्रभाव से शनिवार व रविवार को कुमाऊं के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। ऐसे में पांच अक्टूबर से पहले मानसून की विदाई के आसार नहीं हैं।