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कुमाऊं की सबसे बड़ी फारेस्ट डिवीजन में एक करोड़ से बनेगी आधुनिक नर्सरी

कुमाऊं की सबसे बड़ी फारेस्ट डिवीजन में आधुनिक नर्सरी बनने जा रही है। करीब एक करोड़ की लागत से इसका काम पूरा होगा। तराई पूर्वी वन प्रभाग की किशनपुर रेंज में यह नर्सरी तैयार की जाएगी। एसडीओ धु्रव सिंह मर्तोलिया ने इसकी पुष्टि की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 07:45 AM (IST)
कुमाऊं की सबसे बड़ी फारेस्ट डिवीजन में एक करोड़ से बनेगी आधुनिक नर्सरी
कुमाऊं की सबसे बड़ी फारेस्ट डिवीजन में एक करोड़ से बनेगी आधुनिक नर्सरी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कुमाऊं की सबसे बड़ी फारेस्ट डिवीजन में आधुनिक नर्सरी बनने जा रही है। करीब एक करोड़ की लागत से इसका काम पूरा होगा। तराई पूर्वी वन प्रभाग की किशनपुर रेंज में यह नर्सरी तैयार की जाएगी। एसडीओ धु्रव सिंह मर्तोलिया ने इसकी पुष्टि की है। हाईटेक नर्सरी बनने पर वन विभाग को पौध तैयार करने में आसानी होगी।

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हर साल जुलाई में वन विभाग द्वारा प्लांटटेशन का काम शुरू किया जाता है। बारिश का सीजन होने के कारण जंगल में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। जिस वजह से पौधों के बढऩे में आसानी होती है। प्लांटटेशन के लिए फारेस्ट के पास खुद की नर्सरी होती है। वहीं, नर्सरी की जरूरत को देखते हुए तराई पूर्वी डिवीजन माडल नर्सरी तैयारी करने में जुटेगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए बजट भी जारी हो गया। माडल नर्सरी में खाद तैयार करने के साथ पानी की पूरी व्यवस्था होगी। इसके अलावा कई तरह के पाली हाउस भी बनेंगे। ताकि अलग-अलग प्रजातियां तैयार हो सके।

नंधौर में बनी थी माडल नर्सरी

हल्द्वानी डिवीजन द्वारा कुछ समय पहले नंधौर रेंज के जंगल में आधुनिक नर्सरी तैयार की थी। जहां जैविक खाद के जरिये पौधों को बढ़ाया जा रहा था। पानी के लिए वाटर टैंक भी बनाए गए। स्प्रिंकल विधि के द्वारा नर्सरी  में संरक्षित पौधों को पानी दिया जाता था।

रिसर्च विंग के पास सबसे बेहतर नर्सरी

वन विभाग में माडल नर्सरी की बात करें तो उत्तराखंड वन अनुसंधान के पास सबसे बेहतर नर्सरी मौजूद है। दरअसल, रिसर्च वनस्पतियों की दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण का जिम्मा वन अनुसंधान पर होता है। इसलिए सबसे ज्यादा नर्सरियों की जरूरत भी उसे पड़ती है।

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