ऑनलाइन क्लास के नाम पर मिला बच्चों को मोबाइल, गेम की लत लगा रही बैंक खाते को चपत
कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। बैंक संबंधी काम काज के साथ बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। इससे जहां लोगों को सहूलियतें हैं वहीं नाकरात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है। बच्चों में मोबाइल को लेकर एडिक्शन बढ़ता जा रहा है।
मनीस पांडेय, हल्द्वानी : कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। बैंक संबंधी काम काज के साथ बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। इससे जहां लोगों को सहूलियतें हैं वहीं नाकरात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है। बच्चों में मोबाइल को लेकर एडिक्शन बढ़ता जा रहा है। पढ़ाई से ज्यादा गेम खेलने में वक्त गुजार रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा लेने वाले पैरेंट के खाते से रुपए भी उड़ रहे हैं।
आनलाइन क्लास के नाम पर अभिभावकों के स्मार्ट फोन उनके बच्चों के पास अधिक समय तक रहते हैं। जिसमें क्लास के बाद बच्चे विभिन्न तरह के ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। मोबाइल फोन गेम डेवलपर कंपनियां लोगों की जेब काटने के लिए कई तरीके अपना रही हैं। जिसका शिकार अभिभावकों का बैंक बैलेंस हो रहा है। हजारों की रकम कटने के बाद जब बैंक बैलेंस चेक हो रहा है तब जाकर अभिभावकों की आंख खुल रही है।
साइबर पुलिस टीम के सुरेश कुमार ने बताया कि आनलाइन गेम कंपनियां शुरुआती दिनों में कुछ फ्री लाइव्स देती हैं। बाद में कठिन स्टेप शुरू होने के बाद लाइव्स के बदले पैसे मांगे जाते हैं। मोबाइल फोन के साथ ही बैंक खाता जुड़ा होने व यूपीआई भुगतान के चलते बच्चे यह लाइव्स आसानी से हासिल कर लेते हैं। जिसमें कुछ समय बाद लाइव्स लेने की धनराशि बढ़ती जाती है। अभिभावक बैंक खाते से बड़ी धनराशि कटने पर परेशान हो रहे हैं।
पुलिस में बढ़ी शिकायत
साइबर टीम व पुलिस के पास आए दिन इस तरह के मामले आ रहे हैं। जिसमें बच्चे आनलाइन गेम खेलने के नाम पर अभिभावक की गाढ़ी कमाई गेम में गंवा रहे हैं। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
काउंसलिंग से छूटेगी लत
बच्चों में आनलाइन मोबाइल गेम खेलने की लत तेजी से पकड़ रही है। जिसका निदान काउंसलिंग है। जिसके जरिये बच्चों का ध्यान मोबाइल गेम से हटाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है।
बैंक से जुड़ा फोन न दे बच्चों को
आनलाइन गेम खेल रहे बच्चों को बैंक खाते से जुड़ा नंबर वाला फोन नहीं दे। अभिभावक बच्चों को यूपीआई भुगतान व अन्य बैंकिंग गतिविधियां संचालित करने से भी मना करें। जिससे गाढ़ी कमाई को गेम खेलने में लुटने से बचाया जा सके।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें