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लिंगानुपात में पहाड़ तराई को दिखा रहे आईना, एनएचएम की रिपोर्ट में खुली पोल nainital news

रामनगर व हल्द्वानी जैसे शहरों में कानूनी सख्ती के बाद भी बच्चियों को कोख में खत्म किया जा रहा है। इनाम घोषित करने के बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटरों में लिंग परीक्षण हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 05:31 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 05:31 PM (IST)
लिंगानुपात में पहाड़ तराई को दिखा रहे आईना, एनएचएम की रिपोर्ट में खुली पोल nainital news
लिंगानुपात में पहाड़ तराई को दिखा रहे आईना, एनएचएम की रिपोर्ट में खुली पोल nainital news

नैनीताल, जेएनएन : केंद्र सरकार के बेटी बचाओ-बेटी बचाओ अभियान के पहाड़ में सकारात्मक असर ने जिले के मैदानी इलाकों को आईना दिखाया है। बेतालघाट, धारी व रामगढ़ में प्रति हजार बालकों पर अधिक बालिकाओं की संख्या से यही तस्दीक हो रहा है।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में जिले में एक हजार बालकों पर 899, 2017-18 में 903 व 2018-19 में बालिकाओं की संख्या बढ़कर 940 हो गई। 2018-19 में प्रति हजार बालकों के बनिस्बत बेतालघाट में 1221, भीमताल में 1028 व कोटाबाग में एक हजार बालिकाओं की संख्या से अभियान को ताकत मिलती दिख रही है। क्योंकि पिछले साल धारी में उक्त अनुपात में यह संख्या 799, रामगढ़ में 969, ओखलकांडा में 951 व जिले में 940 थी।

इधर, पिछले साल अप्रैल से दिसंबर की रिपोर्ट से साफ है कि लिंगानुपात मामले में पहाड़ ने भाबर को आईना दिखा दिया है। साफ है कि रामनगर व हल्द्वानी जैसे शहरों में कानूनी सख्ती के बाद भी बच्चियों को कोख में खत्म किया जा रहा है। यहां तक की इनाम घोषित करने के बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटरों में लिंग परीक्षण हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता यह है कि पहाड़ में लिंगानुपात बढ़ रहा है मगर जिले का मार्च से दिसंबर तक का लिंगानुपात घटकर 899 पहुंच गया है।

अप्रैल से दिसंबर तक लिंगानुपात

ब्लॉक  बालक बालिका औसत

बेतालघाट 47    52   1106

भीमताल 366   342   934

धारी     88  104     1182

कोटाबाग 112   100 893

रामनगर 496    430  867

हल्द्वानी   5015 4480 893

ओखलकांडा 189 160 847

रामगढ़     52     57 1096

कुल     6365     5725 899

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि जिले मेें लिंगानुपात बढ़ाने को लेकर जागरूकता अभियान को और तेज किया जाएगा। लिंग परीक्षण करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग समेत रेखीय विभागों की जवाबदेही तय की जाएगी।

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