लापरवाही की हद : खनन माफिया ने काठगोदाम पुल की नींव ही खोखली कर दी
काठगोदाम बैराज के पास अवैध खनन कराने वाले माफिया ने पुल की नींव ही खोद डाली। पिलर के आसपास से उपखनिज निकालकर उसे खोखला कर दिया।
हल्द्वानी, जेएनएन : काठगोदाम बैराज के पास अवैध खनन कराने वाले माफिया ने पुल की नींव ही खोद डाली। पिलर के आसपास से उपखनिज निकालकर उसे खोखला कर दिया। बरसात के दौरान किसी हादसे से बचने के लिए लोक निर्माण विभाग अब पुल के पिलर की मरम्मत कराएगा। इसके लिए विभाग ने वन महकमे से अनुमति मांगी है। काठगोदाम पुल शहर का सबसे पुराना ब्रिज है। गौलापार से लेकर सितारगंज तक की गाडिय़ां इससे गुजरती हैं। बैराज में उतरकर रोजाना सैकड़ों खच्चरों में भरकर रेत निकाला जाता है। वन विभाग की सुस्ती की वजह से इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया।
पुल का बीच वाला पिलर बड़ा है। इसके आसपास लगातार रेता निकालने से यह चारों तरफ से खोखला हो चुका है। हालांकि लोनिवि पानी के बहाव को कटान की वजह बता रहा है। ब्रिज की देखरेख का जिम्मा लोनिवि पर है, जबकि यह एरिया हल्द्वानी वन प्रभाग की छकाता रेंज में आता है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने डीएफओ हल्द्वानी को पत्र लिखकर जल्द काम करने की परमिशन मांगी है। बारिश के सीजन से पहले ही इसका काम करना होगा, ताकि पिलर को मजबूती मिल सके। एचएस रावत, अधिशासी अभियंता का कहना है कि पुल की मरम्मत होनी है। इसके लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई है। जल्द काम शुरू हो जाएगा। तेज बहाव की वजह से कटान हुआ है।
जितने चक्कर लगते हैं, उसी के हिसाब से पैसे मिलते हैं
बैराज से उतरकर नीचे नदी से रेता निकालने वाले खच्चर संचालक सिर्फ मोहरा हैं, माफिया इन्हें प्रति चक्कर के हिसाब से भुगतान करते हैं। एक व्यक्ति रोज 8-10 चक्कर तक लगाता है। बैराज से लेकर सड़क किनारे रेता जमा किया जाता है, फिर रात के अंधेरे में बड़ी गाडिय़ों में माल भरा जाता है।
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