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भारी बारिश की भेंट चढ़ा शारदा नदी से खनन कार्य, एक माह लेट शुरू होने की संभावना

शारदा नदी के अप और डाउन स्ट्रीम में आगामी नवंबर माह से होने वाला खनन कार्य भी अतिवृतिष्ट की भेंट चढ़ गया है। शारदा नदी में जल स्तर काफी अधिक होने से सीमांकन का कार्य नहीं हो पा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 01:23 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 01:23 PM (IST)
भारी बारिश की भेंट चढ़ा शारदा नदी से खनन कार्य, एक माह लेट शुरू होने की संभावना
भारी बारिश की भेंट चढ़ा शारदा नदी से खनन कार्य, एक माह लेट शुरू होने की संभावना

चम्पावत, जागरण संवाददाता : शारदा नदी के अप और डाउन स्ट्रीम में आगामी नवंबर माह से होने वाला खनन कार्य भी अतिवृतिष्ट की भेंट चढ़ गया है। शारदा नदी में जल स्तर काफी अधिक होने से सीमांकन का कार्य नहीं हो पा रहा है। खनन विभाग ने नवंबर दूसरे पखवाड़े से खनन शुरू करने का निर्णय लिया था। लेकिन सीमांकन में हुई देरी के कारण अब खनन कार्य दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तकलटक सकता है।

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खनन और वन विभाग द्वारा अप और डाउन स्ट्रीम में 15 अक्टूबर से सीमांकन किया जाना था। समय पर सीमांकन का कार्य नहीं हो पाया। 18 और 19 अक्टूबर को जिले में हुई भारी बारिश के कारण शारदा नदी उफान पर आ गई जिससे सीमांकन करना मुश्किल हो गया है। एक सप्ताह से बारिश पूरी तरह बंद है, लेकिन नदी का जल स्तर अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पानी अधिक होने के कारण इस माह सीमांकन का काम होना मुश्किल है। माना जा रहा है कि जल स्तर कम होने में अभी एक पखवाड़े का वक्त लग सकता है, ऐसा तभी संभव है जब बारिश न हो। इस स्थिति में खनन कार्य दिसंबर तक होना संभव नहीं है।

खनन विभाग ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन का कार्य एक माह पूर्व ही शुरू कर दिया था, जो अभी भी जारी है। शारदा रेंज के वन दरोगा महेश अधिकारी ने बताया कि शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम में पानी का स्तर काफी अधिक है। जिस कारण सीमांकन कार्य में देरी हो रही है। नदी का जल स्तर कम होने पर नवंबर माह के अंत तक सीमांकन का कार्य पूरा हो पाएगा, जिसके बाद ही खनन की अनुमति मिलेगी। इधर खनन कार्य में देरी की अटकलों से खनन व्यवसायियों एवं श्रमिकों में मायूसी छा गई है। खनन कार्य के लिए पिछले कुछ दिनों से यूपी के विभिन्न जिलों से मजदूरों का पहुंचाना भी शुरू हो गया है। टनकपुर पहुंचे इन श्रमिकों को खनन होने तक दूसरा काम मिलना मुश्किल हो गया है।


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