हल्द्वानी के छह क्वारंटाइन सेंटरों में नहीं रुके प्रवासी, जो आए अपने घरों को चले गए
प्रशासन व विकासखंड अधिकारियों के काफी प्रयासों के बाद हल्द्वानी के ग्रामीण इलाकों में छह क्वारंटाइन सेंटर तो तैयार कर लिए गए लेकिन यहां प्रवासी रूकने को तैयार नहीं है। ब्लॉक अधिकारियों का कहना है कि प्रवासियों के लौटने का सिलसिला अब लगभग थम चुका है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : प्रशासन व विकासखंड अधिकारियों के काफी प्रयासों के बाद हल्द्वानी के ग्रामीण इलाकों में छह क्वारंटाइन सेंटर तो तैयार कर लिए गए, लेकिन यहां प्रवासी रूकने को तैयार नहीं है। ब्लॉक अधिकारियों का कहना है कि प्रवासियों के लौटने का सिलसिला अब लगभग थम चुका है। कुछ आए भी तो अपने घरों को चले गए।
शासन के निर्देश पर प्रवासियों को लेकर इस बार गाइडलाइन बदल दी गई। पहले बाहर से आए उन लोगों को ही यहां रूकवाया जाता था। जिनके घर में जगह नहीं है। लेकिन इस बार संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ गए। जिसके बाद तय हुआ कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को सात दिन अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इस अवधि में कोरोना से जुड़े कोई लक्षण नहीं मिलने पर ही घर जाने दिया जाएगा।
शुरूआत में ग्राम प्रधानों ने इस आदेश का विरोध किया। कहा कि मेडिकल सुविधा उपलब्ध होने पर ही वह सेंटरों की व्यवस्था संभालेंगे। ताकि आपात स्थिति में गांव लौटे व्यक्ति को इलाज मिल सके। हालांकि, बाद में छह जगहों पर सेंटर बना लिए गए। बीडीओ हल्द्वानी डा. निर्मला जोशी ने बताया कि हल्दूचौड़ दौलिया, जयपुर खीमा, पीपलपोखरा, दौलतपुर, फूलचौड़ व लाखनमंडी में क्वारंटाइन सेंटर तैयार किए गए हैं। चार केंद्र मांग के मुताबिक इंटर स्कूल में बने हैं। उसके बावजूद यहां अब तक कोई प्रवासी नहीं ठहरा। जनप्रतिनिधि लगातार प्रवासियों के संपर्क में है।
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