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Uttarakhand : सीएम के जिले में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल, गर्भवती को सीएचसी से भगाया, खुले मैदान में हुआ प्रसव

सर्वेश परिवार के साथ इंदिरा गांधी खेल मैदान में रह रहे है। सर्वेश की पत्नी राजवती को बुधवार दोपहर प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां चिकित्सक के अवकाश पर होने की बात कही। पहले तो लौटा दिया गया। बाद में दोबारा गए तो भगा दिया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 10:11 PM (IST)
Uttarakhand : सीएम के जिले में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल, गर्भवती को सीएचसी से भगाया, खुले मैदान में हुआ प्रसव
जहां एम्स बनने जा रहा, वहीं के सीएचसी से गर्भवती को वापस लौटाया जा रहा।

जागरण संवाददाता, किच्छा : ऊधमसिंह नगर प्रदेश में सबसे वीआइपी जिला है। सीएम का गृह जनपद होने से यहां अनेक बड़ी घोषणाएं हो रहीं हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में तो जनता बड़ा सुधार होने की उम्मीद लगाए है और हो भी रहा है। किच्छा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर तक बनने जा रहा। पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। वह सीएम के सपने को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जहां एम्स बनने जा रहा, वहीं के सीएचसी से गर्भवती को वापस लौटाया जा रहा और वह खुले आसमान में प्रसव को मजबूर है।

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जी हां, यह कोई फिल्मी कहानी नहीं सौ फीसद हकीकत है। ग्राम दोषपुर जनपद सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश निवासी सर्वेश परिवार के साथ इंदिरा गांधी खेल मैदान में रह रहे है। सर्वेश की पत्नी राजवती को बुधवार दोपहर प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला चिकित्सक के अवकाश पर होने की बात कहकर कुछ दवाइयां देकर वापस भेज दिया। सर्वेश अपनी पत्नी राजवती के साथ इंदिरा गांधी खेल मैदान में वापस आ गया।

कुछ देर के बाद राजवती को तेज दर्द हुआ तो सर्वेश उसे दोबारा सीएचसी ले गया। सर्वेश का आरोप है कि वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे फटकार लगाकर भगा दिया। उधर, राजवती की हालत लगातार खराब होती जा रही थी। दर्द से कराहती राजवती इंदिरा गांधी खेल मैदान में वापस आ गई। राजवती की हालत खराब देखते हुए उसने साथ की अन्य महिलाओं ने चादरों आड़ में खुले मैदान में ही प्रसव करवाया। उसने पुत्र को जन्म दिया।

जब इसकी जानकारी विधायक राजेश शुक्ला को लगी तो उनका पारा चढ़ गया। वह खुद ही सीएचसी पहुंचे और चिकित्सा अधीक्षक डा. एचसी त्रिपाठी से कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि महिला चिकित्सक छुट्टी पर थी तो गर्भवती को 108 आपातकाल सेवा से जिला अस्पताल रेफर करना चाहिए था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ एचसी त्रिपाठी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसको बक्शा नहीं जाएगा।


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