प्रवक्ता गणित स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम विवादों में, हाईकोर्ट पहुंचा दिव्यांग श्रेणी में गड़बड़ी का मामला
व्याख्याता (गणित) की भर्ती के लिए जिसके लिए याचिकाकर्ता ने स्क्रीनिंग टेस्ट में भाग लिया केवल 9 बार रिक्तियों के उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए मंजूरी दी गई है। दिव्यांगों को 4 प्रतिशत के बजाय 42 फीसद आरक्षण दिया गया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से प्रवक्ता भर्ती प्रक्रिया में गणित विषय के अभ्यर्थियों का स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम विवाद में घिर गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इसमें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया और व्यवसाय का संचालन) नियम-2013 (के लिए) के नियम 25 का पालन नहीं किया। इस नियम के तहत एक पद के लिए उम्मीदवारों को, रिक्तियों का 15 गुना, लिखित परीक्षा के लिए पात्र बनाया जाना चाहिए।
वर्तमान मामले में, व्याख्याता (गणित) की भर्ती के लिए, जिसके लिए याचिकाकर्ता ने स्क्रीनिंग टेस्ट में भाग लिया, केवल 9 बार रिक्तियों के उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए मंजूरी दी गई है। दिव्यांगों को 4 प्रतिशत के बजाय 42 फीसद आरक्षण दिया गया। दरअसल राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले साल दस अक्टूबर को प्रवक्ता के 544 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 105, एसटी के लिए 27, ओबीसी के लिए 80 तथा आर्थिक रूप से कमजोर के लिए 49 तथा 283 अनारक्षित थे। इसमें गणित के कुल 30 पद थे।
हाल ही में आयोग की ओर लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित करने के साथ ही वरीयता सूची भी जारी कर दी। गणित विषय की चयनित सूची को लेकर विवाद हुआ है। आरोप है कि आयोग ने दिव्यांग श्रेणी में क्षैतिज आरक्षण में नियमों को बाईपास कर दिया गया। भवाली निवासी डीएस भंडारी व अन्य द्वारा इसे याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अनुसार 2013 की नियमावली के नियम 25 के तहत वर्तमान मामले में अनुपात क्यों नहीं बनाए रखा गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार सात जुलाई 2021 को प्रवक्ता गणित के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की चयन सूची/परिणाम घोषित किया था। गणित में 30 पदों की कुल सीटों के मुकाबले 274 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (व्यवसाय की प्रक्रिया और आचरण) नियम-2013 के नियम 25 के तहत चयन के नियम भर्ती किए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या के 15 गुना के चयन के लिए अनिवार्य बनाता है।
लेक्चरर मैथ्स के लिए चयनित उम्मीदवारों की संख्या 274 है। लिखित परीक्षा के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए घोषित गणित विषय के लिए कट-ऑफ अंक 90.25 है जबकि याचिकाकर्ता ने 80.50 अंक हासिल किए हैं और इसलिए चुनौती के तहत स्क्रीनिंग टेस्ट में उत्तीर्ण नहीं हो सका। याचिकाकर्ता के अनुसार दिव्यांग श्रेणी के क्षैतिज आरक्षण में एक सीट के सापेक्ष 9 के बजाय मात्र चार अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने इस चयन सूची को नियमों का उल्लंघन करार देते हुए निरस्त करने की मांग की है। इस याचिका पर आयोग का कहना है कि दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थी कम थे, इसलिए एक सीट के सापेक्ष 15 का चयन नहीं हो सका। इस मामले में अदालत आज सुनवाई कर सकती है।