दो घंटे दर्द से तड़पती रही प्रसूता, नहीं पहुंचा एंबुलेंस तो सड़क पर बच्चे को दिया जन्म
उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं सुधर रहीं हैं। इसकी सर्वाधिक मार दुर्गम में रहने वाले ग्रामीणों पर पड़ रही है। नैनीताल में के भुमियाधार में एक प्रसूता ने एंबुलेंस के इंतजार में सड़क पर ही बच्चे को जन्द दे दिया।
संवाद सहयोगी, भवाली : उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल समय-समय पर खुलती रहती है। नैनीताल जिले के भूमियाधार में एक गर्भवती महिला ने एंबुलेंस के इंतजार में सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। सड़क पर वह दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करती रही। लेकिन दो घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। घटना के बाद क्षेत्र में स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ काफी रोष है।
गुरुवार को मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर मनोज ने पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन फोन करने के दो घंटे तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। इसी बीच मनोज निर्मला को लेकर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सड़क तक आ गया था। दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई और निर्मला की प्रसव पीड़ा बढ़ती गई तो उसने वहीं सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
इसकी जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट निजी वाहन से महिला और उसके नवजात को भवाली सीएचसी ले गए, जहां से दोनों को एंबुलेंस से हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्र में स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ काफी रोष है। पंकज बिष्ट ने बताया कि प्रसूता के लिए कई बार 108 को फोन किया गया। लेकिन घंटों बाद भी एंबुलेंस नही पहुंची। जबकि भवाली सीएचसी गांव से करीब पांच किमी की दूरी पर ही है।
लोकेशन ढूंढने में समय लगा
108 के जिला प्रभारी अंकित राणा ने बताया कि एंबुलेंस भूमियाधार क्षेत्र में पहुंच गई थी। लेकिन नेटवर्क न होने की वजह से पीड़ित से संपर्क नहीं हो सका, जिससे सही लोकेशन ढूंढने में समय काफी लग गया। मैंने एंबुलेंस की लोकेशन भी ट्रेस करवाई, जिसमें इसकी लोकेशन भूमियाधार क्षेत्र में पाई गई हैं।