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Bharat Bandh : तराई में दिखा बंद का व्‍यापक असर, पर्वतीय जिलों में खुली दुकानों

Bharat Bandh संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का असर कुमाऊं में मिलाजुला देखने के लिए मिल रहा है। तराई यानी ऊधमसिंहनगर जिले में बंद का व्‍यापक असर नजर आया। रुद्रपुर बाजपुर किच्‍छा काशीपुर खटीमा दुकानें बंद रहीं किसानों ने सभा कर आंदोलन को धार दी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 01:23 PM (IST)
Bharat Bandh : तराई में दिखा बंद का व्‍यापक असर, पर्वतीय जिलों में खुली दुकानों
Bharat Bandh : ऊधमसिंहनगर में भारत बंद का व्यापक असर, नैनीताल में खुलीं दुकानें

रुद्रपुर नैनीताल, जागरण संवाददाता : Bharat Bandh : किसान कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का असर कुमाऊं में मिलाजुला देखने के लिए मिल रहा है। तराई यानी ऊधमसिंहनगर जिले में बंद का व्‍यापक असर नजर आया। रुद्रपुर, बाजपुर, किच्‍छा काशीपुर, खटीमा दुकानें बंद रहीं, किसानों ने सभा कर आंदोलन को धार दी। कहा कि सरकार कह रही है कि किसान आंदोलन कमजोर पड़ रहा है। जबकि आज के बंद ने साबित कर दिया कि आंदोलन पड़ा है या और मजबूत हुआ है। सरकार जब तक तीनों किसान कानून वापस नहीं लेती है आंदोलन जारी रहेगा। पर्वतीय जिलों में हालात आम दिनों जैसे हैं। दुकानें खुली हैं और आवागमन सामान्‍य है, टैक्सियों का संचालन अबाध रूप से हो रहा है।

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बाजपुर में व्‍यापारियों ने बंद रखीं दुकानें

बाजपुर में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से घोषित भारत बंद के समर्थन में विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत भारत बंद शत-प्रतिशत सफल रहा और व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखीं। किसानों ने प्रदेश के बॉर्डर के साथ ही नगरीय क्षेत्र में भगत सिंह चौक व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर टेंट लगाकर धरना-प्रदर्शन किया। इसी बीच सुबह करीब 11 बजे दोराहा स्थित प्रदेश के बॉर्डर पर पहुंचे एसएससी दलीप सिंह कुंवर ने स्थलीय निरीक्षण किया तथा आंदोलनरत किसानों को अपना आंदोलन शांतिपूर्ण चलाने के धरना दोपहर में समाप्त करने की बात कही। इस दौरान किसानों ने दोपहर बाद तीन बजे के बाद ही धरना समाप्त करने की बात कही। एसएससी ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसके बाद एसएसपी काशीपुर की ओर चले गए।

नैनीताल में बंद का कोई असर नहीं

भारत बंद का नैनीताल में कोई असर नहीं है। यहां बाजार, होटल समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान रोज की तरह खुले हैं। पर्यटन गतिविधियां भी बेरोकटोक जारी हैं। यहां व्यापार मंडल तल्लीताल, मल्लीताल व नयना देवी व्यापार मंडल ने बंद को लेकर ना तो आह्वान किया, ना ही कोई बैठक की। किसान बाहुल्य मंगोली, बजून, पंगोट में भी दुकानें खुली हैं। समीपवर्ती ग्रामीण इलाकों के किसानों की आंदोलन में किसी तरह की भूमिका अब तक नजर नहीं आई। तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति साह, मल्लीताल के व्यापारी नेता जगदीश बवाड़ी के अनुसार बाजार रोज की तरह खुले हैं और बंद को समर्थन नहीं है।

बाजार बंद को लेकर किच्छा के बंडिया में विरोध

बाजार बंद को लेकर बंडिया में विवाद हो गया। दुकानदार के दुकान बंद करने से मना करने पर वहा भीड़ जमा हो गयी। पुलिस ने किसी तरह शांत करवा बाजार बंद करवाने वालो को वापस कर टकराव को टाला। भारत बंद के आह्वान के चलते सिख संगठन के लोग पिकअप वाहन व बाइक पर बाजार बंद करवाने निकले थे। इस दौरान जब वह बंडिया पहुचे तो वहाँ पूर्व फौजी भूपेंद्र सिंह की रुद्रा बुक डिपो को बंद करवाने का प्रयास किया तो उसने मोदी समर्थन में दुकान बंद करवाने का प्रयास किया तो आमने सामने आ गए। हंगामे पर पुलिस भी वहाँ पहुच गयी। पुलिस ने किसी तरह टकराव टाला। पूर्व फौजी के साथ ही दूसरे पूर्व फौजी प्रताप सिंह ने अपनी लक्ष्मी सूट एवं गिफ्ट सेंटर बंद नही की। इस पर प्रदर्शनकारी वापस लौट गए। विरोध की संभावना के चलते पुलिस बल सक्रिय हो गया। इस दौरान मुख्य बाजार बंद दिखाई दिया वही गली मोहल्ले की दुकाने खुली रही।

बागेश्वर-अल्‍मोड़ा में बंद बेअसर

बागेश्वर जिले में भारत बंद का असर बेअसर रहा। सुबह से ही दुकानें खुली रहीं और बाजार में चहल-पहल सामान्‍य दिनों की तरह बनी रही। सोमवार होने के कारण भीड़ भी काफी दिख रही है। किसी प्रकार का भी धरना प्रदर्शन नहीं देखा गया। अधिकतर लोगों को तो भारत बंद की जानकारी भी नहीं थी। वहीं कॉग्रेस गांधी पार्क में किसान आंदोलन के समर्थन में मौन व्रत कार्यक्रम कर रही है। जिले के कांडा, कपकोट, गरुड़ आदि तहसील में यही हालत दिखाई दिए। अल्‍मोड़ा जनपद में भी बंद बेअसर रहा। बाजार रोज की तरह खुले। अलबत्ता किसानों की मांगों को जायज करार दे विभिन्न संगठनों ने धरना दिया। गांधी पार्क में सभा में संगठनों के सदस्यों का पहुंचना शुरू होह गया है।

रामनगर में बंद का दिखा मिलाजुला असर

भारत बंद के दौरान रामनगर में मिलाजुला असर देखने को मिला। बाजार में अधिकांश दुकानें खुली रही। विभिन्न संगठनों ने धरने प्रदर्शन के माध्यम से कृषि बिल को निरस्त किये जाने की मांग की। कई दुकानदारों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी दुकाने खुली रखने की जानकारी दी। रामनगर में रानीखेत रोड की सभी दुकानें दुकानें खुली रही। इसके अलावा बाजार में भी अधिकांश दुकानें खुली रही। पीरूमदारा गांव में बंद का असर देखने को मिला। किसान बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से अधिकांश दुकानें बंद रही। संयुक्त किसान मोर्चा की स्थानीय संगठन के लोगों ने बाजार में घूमकर कृषि बिल के विरोध में नारेबाजी कर भारत बंद में सहयोग की अपील की। इसके बाद उन्होंने लखनपुर में सभा कर कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए इसे निरस्त किये जाने की मांग की।

लालकुआं में माले ने निकाला जुलूस

लालकुआं में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले कार रोड पर बिन्दुखत्ता बाजार से लालकुआं बाजार में जुलूस निकाला गया। इस दौरान कार रोड पर हुई सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) बिन्दुखत्ता सचिव ललित मटियाली ने कहा कि मोदी सरकार देश की संपत्ति के साथ साथ खेती किसानी को भी पूंजीपतियों के हवाले कर देना चाहती है। मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने के लिये श्रम सुधारों के नाम पर 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिताओं को लायी है। जुलूस में छात्र संगठन पछास के महेश, इंक़लाबी मजदूर केंद्र के पंकज कुमार, ऐक्टू के किशन बघरी सहित विमला रौथाण, स्वरूप सिंह दानू, पुष्कर दुबड़िया, नैन सिंह कोरंगा, ललित जोशी, कमल जोशी, धीरज कुमार, त्रिलोक सिंह दानू, पंकज बिष्ट, निर्मला शाही, चंद्रशेखर पाठक, खीम वर्मा, शिव सिंह, नंदू, पीताम्बर तिवारी, सुधा देवी आदि शामिल रहे।


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