हजारों नम आंखों ने दी शहीद राहुल को अंतिम विदाई, गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान nainital news
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से मुढ़भेड़ में शहीद हुए चम्पावत के कनलगांव निवासी राहुल रंसवाल पार्थिव शरीर बरेली से सेना के हेलिकॉप्टर से एसएसबी कैंप चंपावत लाया गया।
चंपावत, जेएनएन : शहीद राहुल रंसवाल का पार्थिव शरीर गुरुवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से सीमा सुरक्षा बल के चम्पावत स्थित हैलीपैड पर लाया गया। भारी हुजूम के बीच पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ उनके निवास स्थान कनलगांव में दर्शनार्थ लाया गया। जहां पर शोकाकुल परिवार एवं पूरे शहर ने शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। डिप्टेश्वर घाट पर शहीद के पार्थिक शरीर के पंचतत्व में विलीन होने से पूर्व सेना व पुलिस के जवानों ने अंतिम सलामी दी। उससे पूर्व सेना के ब्रिगेडियर एसएन मंडल (सेना मेडल), मंत्री परिवहन यशपाल आर्य, विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, विधायक कैलाश गहतोड़ी, कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष केदार जोशी, पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी टीएस मर्तोलिया, उप जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, उप जिलाधिकारी टनकपुर दयानन्द सरस्वती सहित सेना के उच्चाधिकारी, सिविल अधिकारी, परिवारजनों आदि ने पुष्पचक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, सेना के बैड ने मातमी धुन से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
जब तक सूरज चांद रहेगा राहुल तेरा नाम रहेगा
सीमा सुरक्षा बल के हैलीपैड पर अमर शहीद राहुल रैसवाल के पार्थिक शरीर के पहुंचते ही भारी हुजूम के जब तक सूरज चांद रहेगा राहुल तेरा नाम रहेगा के नारों से गूंज उठा। शहीद के पार्थिक शरीर को सीमा सुरक्षा बल हैलीपैड से सेना के वाहन द्वारा उनके घर कनलगांव लाया गया, जहां पर शोकाकुल परिवारजनों ने आंसुओं के बीच पार्थिक शरीर के दर्शन किये। शहीद के पार्थिक शरीर के दर्शन को सारा शहर उमड़ पड़ा और वहां से डिप्टेश्वर घाट तक अमर शहीद के नारों से शहर गूंज उठा। अमर शहीद राहुल रैसवाल मूल रूप से रियांसी बमनगांव के निवासी थे, जिनकी उम्र 26 वर्ष थी। वर्तमान में शहीद का परिवार चम्पावत मुख्यालय के कनलगांव में निवासरत है।
आतंकवादियों से मुठभेड़ में हो गए थे शहीद
शहीद राहुल रंसवाल राष्ट्रीय राइफल जम्मू कश्मीर में कार्यरत थे जो आतंकवादियों से संघर्ष में 21 जनवरी को शहीद हुए। शहीद के पार्थिक शरीर के साथ सेना के नायब सुबेदार तारा दत्त, सिपाही राजेन्र्द भट्ट थे। अमर शहीद का पार्थिक शरीर बुधवार को जम्मूकश्मीर से शाम 4.20 बजे वायुसेना के हवाई जहाज से बरेली लाया गया तथा गुरुवार को प्रातः 8.55 बजे बरेली से वायुसेना के हवाई जहाज से चम्पावत लाया गया, पार्थिक शरीर चम्पावत प्रातः 9.30 बजे पहुंचा।
अंतिम यात्रा में लोग हुए शामिल
अमर शहीद की अंतिम यात्रा में सेना के ब्रिगेडियर एसएन मंडल (सेना मेडल), मंत्री परिवहन यशपाल आर्या, विधायक लोहाघाट पूरन सिंह फर्त्याल, विधायक चम्पावत कैलाश गहतोड़ी, कुमाऊं विकास निगम के अध्यक्ष केदार जोशी, पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी टीएस मर्तोलिया, उप जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, उप जिलाधिकारी टनकपुर दयानंद सरस्वती, सीओ ध्यान सिंह, डीएमओ मनोज पाण्डेय सहित सेना व एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी, समस्त विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों सहित समूचा शहर शामिल था।
शहादत की खबर से परिजनों में कोहराम
राहुल के शहादत की खबर मिलने के बाद से परिवार व गांव में कोहराम मचा है। मां हरू देवी, पत्नी पिंकी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं पिता फूटफूटकर रोते हुए बहू और पत्नी को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। दु:ख और पीड़ा की इस घड़ी में उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व भी है। बार-बार वे तिरंगे को चूमकर भारत माता की जय के गगन भेदी नारे लगा रहे थे। राहुल अपनी पीढ़ी के तीसरे जवान थे, तो देश सेवा के लिए आर्मी में शामिल हुए थे।
2012 में 50वीं राष्ट्रीय राइफल्स में हुए थे भर्ती
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सुबह से ही डटे रहे। शहीद राहुल रंसवाल मूल रूप से नेपाल सीमा से लगे तामली के बमन गांव के रहने वाले थे जो पिछले कई वर्षों से अपने कनलगांव स्थित मकान में माता पिता और बच्चों के साथ रह रहे थे। 27 वर्षीय राहुल रंसवाल वर्ष 2012 में 50 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे और मंगलवार को अपने साथी जवानों के साथ आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।
वर्ष 2018 में हुई थी राहुल की शादी
सेना में भर्ती होने के बाद राहुल रंसवाल की शादी 26 अप्रैल 2018 को मेरठ से हुई थी। राहुल अपनी पत्नी पिंकी के साथ आठ माह की बेटी सान्वी को भी छोड़ गए हैं। राहुल के पिता वीरेंद्र सिंह रंसवाल ने बताया कि आरआर में उसका टर्नओवर पूरा हो गया था शीघ्र ही वह अपने मूल रेजीमेंट में लौटने वाले थे।
सात फरवरी को जेठू की शादी में आने वाले थे मेरठ
राहुल रंसवाल की जेठू की शादी सात फरवरी को होनी है। राहुल ने शादी में शामिल होने के लिए श्रीनगर से दिल्ली तक फ्लाइट की बुकिंग भी कर ली थी और चम्पावत से पत्नी और बच्ची को बुलाने का इंतजाम भी कर दिया था। लेकिन क्या पता था कि विधि का विधान के आगे उनकी सारी योजना धरी रह जाएगी।
देश सेवा में तीसरी पीढी का नेतृत्व कर रहे थे राहुल
शहीद राहुल रंसवाल देश सेवा में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे थे। उनके दादा स्व. शिवराज सिंह कुमाऊं रेजीमेंट और पिता वीरेंद्र सिंह रंसवाल आसाम राइफल्स में रह चुके हैं। वीरेंद्र के बड़े भाई राजेंद्र सिंह रंसवाल इस समय 15 कुमाऊं में तैनात होकर देश सेवा कर रहे हैं।
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