सीमांत गांवों को नहीं मिल रहा बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान का लाभ, लोगों ने जताई नाराजगी
नेपाल सीमा से लगे निडिल क्षेत्र के ग्रामीणों ने बीएडीपी योजना (बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान)का लाभ न मिलने पर नाराजगी जताई है। रविवार को बैठक कर ग्रामीणों ने इस संबंध में जिलाधिकारी एवं सीडीओ के सामने अपनी बात रखने का निर्णय लिया।
लोहाघाट, जागरण संवाददाता : नेपाल सीमा से लगे निडिल क्षेत्र के ग्रामीणों ने बीएडीपी योजना (बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान)का लाभ न मिलने पर नाराजगी जताई है। रविवार को बैठक कर ग्रामीणों ने इस संबंध में जिलाधिकारी एवं सीडीओ के सामने अपनी बात रखने का निर्णय लिया। कहा कि बीएडीपी के तहत योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन कार्य धरातल पर नहीं हो पाते।
सामाजिक कार्यकर्ता राजू पुनेठा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोगों ने कहा कि बार्डर एरिया होने के बावजूद भी गांव में बीएडीपी योजना के तहत विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। बीएडीपी सीमांत इलाकों के लिए काफी महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत विकास की प्लानिंग हर वर्ष तैयार होती है, लेकिन कार्य धरातल पर नहीं होते।
बैठक में क्षेत्र के नेपाल सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट पर भी चर्चा हुई। कहा कि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को ठीक करने में ही एक माह का समय लग जाता है। लोग प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर दिनचर्या चलाने को मजबूर होते हैं। वक्ताओं ने कहा कि सीमांत क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने से बेटियां कक्षा 12 तक की पढ़ाई के बाद स्कूल छोड़ रही हैं।
उच्च शिक्षा के लिए लोहाघाट या अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने केंद्र व राज्य सरकार से गुमदेश क्षेत्र में शीघ्र डिग्री कॉलेज खोलने की मांग की। कहा शीघ्र ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नही किया तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान प्रताप सिंह सामंत, महासिंह, किशन सिंह, जोगा सिंह, जगत सिंह, खीम सिंह, नारायण सिंह, कैलाश सिंह, नर सिंह,पुष्कर सिंह, गोपाल सिंह, सुंदर सिंह, पारस सिंह, छत्तर सिंह, ईश्वरी देवी, राधा देवी, मनी देवी, उमेदी देवी, कलावती देवी, हेमा देवी, गोदावरी देवी आदि मौजूद रहे।