किसान का बेटा यूपी पीसीएस में चयनित, राेज आठ किमी पैदल जाता था स्कूल
अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लाॅक के पजीना गांव निवासी मनोज चंद्र छिम्वाल उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा 2018 में चयनित होकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है।
हल्द्वानी, गणेश पांडे : अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लाॅक के पजीना गांव निवासी मनोज चंद्र छिम्वाल ने उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा 2018 में चयनित होकर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। वर्तमान में हल्द्वानी के भगवानपुर में रहने वाले मनोज किसान परिवार से हैं। पिता ईश्वरी दत्त छिम्वाल खेती के साथ पंडिताई का काम करते हैं, जबकि मां लीला देवी गृहिणी हैं। बेटे की कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है।
पीसीएस बने मनोज की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल हुई। स्कूल जाने के लिए वह रोज आठ किमी पैदल चलते थे। बाद में एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा, रामनगर काॅलेज और देश की दूसरी यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की। वर्तमान में वह नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाॅक में प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत हैं। इससे पहले एमिटी यूनिवर्सिटी और नवोदय विद्यालय पिथौरागढ़ में शिक्षक रह चुके हैं।
शुरुआत के दिनों में एक दैनिक अखबार में बतौर पत्रकार भी काम किया। राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अमिता लोहनी, उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक पीसी बाराकोटी, उच्च शिक्षा उन्नयन समिति उपाध्यक्ष बीएस बिष्ट, गोपाल लोहनी, मेयर डॉ. जोगेंद्र रौतेला, डाॅ. संतोष मिश्रा, डाॅ. पंकज उप्रेती, एआरटीओ विमल पांडे ने मनोज के पीसीएस बनने पर खुशी जताई है।
जुनून: हर बार नए सिरे से जुट जाते
पीसीएस में सफलता हासिल करने वाले मनोज का जुनून दूसरों को प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने यूपी पीसीएस में तीसरे साक्षात्कार में सफलता प्राप्त की। मनोज ने आइएएस व पीसीएस के लिए सात बार साक्षात्कार दिया। कभी हार नहीं मानी। हर परीक्षा के बाद नए सिरे से तैयारी में जुट जाते। उन्होंने बताया कि वह आगे और बेहतरी के लिए प्रयास जारी रखेंगे। मनोज ने बताया कि आत्मबल बढ़ाने के लिए उन्होंने मौन साधना की। 2005 से 2012 तक सप्ताह में एक दिन मौन रहते थे। आत्मदर्शन, आत्मचिंतन और माता-पिता के मार्गदर्शन ने कभी टूटने नहीं दिया।
दूसरों को प्रेरित करने के साथ खुद प्रयासरत
मनोज हिंदी, संस्कृत, समाजशास्त्र, संगीत, पत्रकारिता समेत सात विषय में एमए हैं। हिंदी, राजनीतिशास्त्र में यूजीसी नेट क्वालीफाई हैं। आइएएस, पीसीएस के लिए पहले हिंदी साहित्य, सोशल वर्क, राजनीतिक शास्त्र विकल्पीय विषय रखा। इस बार भूगोल विकल्पीय विषय से कामयाबी मिली। मनोज खुद तैयारी करते हुए पिछले सात वर्षों से दिल्ली, जयपुर, भोपाल, ग्वालियर आदि शहरों में युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी करा रहे थे।