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मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी को शुरू होंगे मांगलिक कार्य, 2022 में रहेंगे 48 विवाह मुहूर्त

स्थानीय पंचांगों में विवाह मुहूर्त की शुरुआत 22 जनवरी से होगी। इस बार शादियों के लिए मई में सबसे ज्यादा मुहूर्त होंगे। 2022 में वसंत पंचमी अक्षय तृतीया व देवउठनी अबूझ मुहूर्त को मिलाकर शादियों के लिए कुल 48 श्रेष्ठ मुहूर्त रहेेंगे।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 06:47 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 06:47 AM (IST)
मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी को शुरू होंगे मांगलिक कार्य, 2022 में रहेंगे 48 विवाह मुहूर्त
14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ खरमास खत्म हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अस्त चल रहा शुक्र ग्रह 11 जनवरी को उदय होने जा रहा है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ खरमास खत्म हो जाएगा। इसके बाद मांगलिक कामों की शुरुआत होगी। स्थानीय पंचांगों में विवाह मुहूर्त की शुरुआत 22 जनवरी से होगी। इस बार शादियों के लिए मई में सबसे ज्यादा मुहूर्त होंगे। 2022 में वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया व देवउठनी अबूझ मुहूर्त को मिलाकर शादियों के लिए कुल 48 श्रेष्ठ मुहूर्त रहेेंगे। 

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वर्ष 2022 के विवाह मुहूर्त 

जनवरी : 22 व 23 

फरवरी : 5, 6, 7, 9, 10, 18, 19, 20, 22

अप्रैल : 16, 19, 20, 21, 22, 23, 24 

मई : 2, 3, 9, 10, 11, 12, 16, 17, 18, 20, 21, 26, 27, 31

जून : 1, 6, 8, 10, 11, 21, 23

जुलाई : 3, 5, 7, 8

दिसंबर : 2, 4, 7, 8, 9 

गुरु अस्त होने से मार्च में शादियां नहीं

22 जनवरी को पहले विवाह मुहूर्त के बाद 22 फरवरी तक शादियां हो पाएंगी। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 23 फरवरी को गुरु अस्त हो जाने के बाद 16 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू होगा। यह सिलसिला 8 जुलाई तक रहेगा। फिर 10 जुलाई को देवशयन होने से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। नवंबर में भी खास मुहूर्त नहीं हैं। फिर दिसंबर में ही शहनाई गूंजेगी। 

सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई-जून में

इस साल साल जनवरी और फरवरी में 5-5 विवाह मुहूर्त रहेंगे। फिर अप्रैल में 6 दिन शादियों हो पाएंगी। वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 13 और जून में 10 दिन रहेंगे। इसके बाद जुलाई और नवंबर में 4-4 दिन और दिसंबर में 5 विवाह मुहूर्त रहेंगे।

वसंत पंचमी पर खूब होंगी शादियां 

वसंत पंचमी को विवाह का अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यानी इस पर्व पर शुभ मुहूर्त का विचार किए बिना शादियां की जा सकती हैं। इस बार वसंत पंचमी पांच फरवरी को है। इस बार वसंत पंचमी पर शुक्र व गुरु ग्रह उदय रहने से विवाह मुहूर्त में रुकावट नहीं होगी। पिछले साल शुक्र होने के कारण वसंत पंचमी पर शादियों का मुहूर्त नहीं था। लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।


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