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पहाड़ में फल-सब्जी संग्रह केंद्र बनाए जाने के लिए मंडी समिति हल्द्वानी ने शासन से मांगा बजट

पहाड़ में फल-सब्जी संग्रह केंद्र बनाए जाने से किसानों व बागवानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी। वर्तमान में खराब मौसम व दुर्गम रास्तों के चलते उपज बर्बाद हो रही है। इस संबंध में मंडी समिति हल्द्वानी ने शासन से धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 10:02 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 10:02 AM (IST)
पहाड़ में फल-सब्जी संग्रह केंद्र बनाए जाने के लिए मंडी समिति हल्द्वानी ने शासन से मांगा बजट
पहाड़ में फल-सब्जी संग्रह केंद्र बनाए जाने के लिए मंडी समिति हल्द्वानी ने शासन से मांगा बजट

हल्द्वानी, मनीस पांडेय : पहाड़ में फल-सब्जी संग्रह केंद्र बनाए जाने से किसानों व बागवानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी। वर्तमान में खराब मौसम व दुर्गम रास्तों के चलते उपज बर्बाद हो रही है। इस संबंध में मंडी समिति हल्द्वानी ने शासन से धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है।

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पहाड़ी आलू सहित विभिन्न सब्जियों की मांग बाजार में सबसे ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त पहाड़ी फल आड़ू, पुलम, खुमानी, नाशपाती, सेब आदि की पैदावार को भी सही समय पर बाजार देने के लिए इस तरह के केंद्र काफी मुफीद साबित होंगे। जहां किसान अपनी उपज को कुछ समय तक स्टोर कर सकता है। गांव के करीब बने इन केंद्रों से मुख्य सड़क तक पहुंचने का मार्ग आसान होगा। जिससे बरसात के दिनों में भी किसान व बागवान आसानी से अपनी उपज मंडी तक ले जा सकेगा।

आम तौर पर बरसात के दिनों में गांव के रास्ते खराब हो जाते हैं। जिससे कृषि उपज मंडी तक पहुंचने से पहले ही सड़कर नष्ट हो जाती है। पहाड़ी से मलबा सड़क पर आने के चलते रास्ते बाधित हो जाते हैं। हल्द्वानी मंडी अध्यक्ष मनोज साह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मिलकर फल-सब्जी संग्रह केंद्र की आवश्यकता बताई है। जिसमें नाबार्ड के जरिये धन उपलब्ध कराने की मांग की है।

संग्रह केंद्र पर सुविधाएं

फल-सब्जी संग्रह केंद्र पर किसान बरसात से अपनी उपज को बचा सकेंगे। किसानों को उपज स्टोर करने की सुविधा मिलेगी। मंडी अध्यक्ष मनोज शाह ने बताया कि संग्रह केंद्र के लिए मिलने वाली धनराशि के आधार पर सुविधाओं का विस्तार होगा। जिसमें छोटे स्तर पर ग्रेडिंग यूनिट भी लगाई जा सकती है। मुख्य मार्ग तक पहुंचने वाले रास्ते के पास होने के चलते किसान को मौसम से उपजी स्थितियों से भी राहत मिलेगी।

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