पिथौरागढ़ में एक और आदमखोर को शिकारी ने किया ढेर, फिर भी ग्रामीणों में दहशत
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों में सक्रिय आदमखोर गुुलदार को मेरठ से आए शिकारी ने ढेर कर दिया। गुलदार का पोस्टमार्टम कर शव मानकों के अनुसार नष्ट कर दिया गया है। वन विभाग ने गुलदार के शिकार कर पाने में असमर्थ होने का दावा किया है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों में सक्रिय आदमखोर गुुलदार को मेरठ से आए शिकारी ने ढेर कर दिया। गुलदार का पोस्टमार्टम कर शव मानकों के अनुसार नष्ट कर दिया गया है। वन विभाग ने गुलदार के शिकार कर पाने में असमर्थ होने का दावा किया है। क्षेत्र में अब तक दो गुलदार शिकारियों ने मार गिराए हैं।
जिला मुख्यालय से सटे पौण, पपदेव, चंडाक, मोस्टामानू, धारापानी, नाकोट सहित डेढ़ दर्जन गांवों में गुलदार ने आतंक मचा रखा था। एक माह के भीतर दो लोगों को मारने के साथ ही गुलदार ने तीन लोगों को घायल कर दिया था। गुलदार के खौफ से पूरे क्षेत्र की दिनचर्या प्रभावित हो रही थी। दहशत के चलते लोग सांझ ढलते ही घरों में कैद हो जाने के मजबूर थे। गुलदार के आतंक से निजात नहीं मिलने के कारण लोगों में गहरा आक्रोश था। समस्या को देखते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने गुलदार को खतरनाक घोषित करते हुए इसे पकडऩे या मार गिराने के लिए शिकारी तैनात कर दिए थे।
मेरठ से आए शिकारी सैय्यद अली बिन हादी वन विभाग की टीम के साथ लगातार गश्त पर थे। बीती रात्रि लगभग 11.30 बजे मोस्टामानू के पास लगाए गए पिंजरे के पास गुलदार दिखाई दिया। शिकारी हादी ने बगैर कोई चूक किए वन विभाग के वाहन में बनाए गए मचान से गुलदार को ढेर कर दिया।
मंगलवार को पशु चिकित्सक मनोज जोशी ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया। वन क्षेत्राधिकारी डीसी जोशी ने बताया कि मृत गुलदार मादा थी और इसकी लंबी सात फिट थी। सात वर्ष के गुलदार के दाहिने पंजे के नाखून क्षतिग्रस्त थे और दांत घिस चुके थे, जिसके चलते वह जंगली जानवरों का शिकार कर पाने में असमर्थ था। अपनी भूख मिटाने के लिए वह मानव बस्तियों के आस-पास हमले कर रहा था। पोस्टमार्टम के बाद शव का नष्ट कर दिया गया है।
कहीं पूर्व की तरह न हो वन विभाग का दावा
वन विभाग ने गुलदार को मार तो गिराया, लेकिन प्रभावित क्षेत्र के लोगों में अभी भी संशय बना हुआ है। दो माह पूर्व भी वन विभाग ने पोण खेल मैदान में एक गुलदार को मार गिराया था, लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें गुलदार के आतंक से निजात मिल जाएगी, लेकिन कुछ ही दिनों में गुलदार ने फिर मानवों पर हमले शुरू कर दिए। मारे गए गुलदार को लेकर अभी लोगों में शंका बनी हुई है।