पर्यटन सीजन को देखते हुए चौड़ा किया जा रहा नैनीताल के माल रोड का टूटा हिस्सा
2018 में टूटकर झील में समाए लोवर मालरोड के हिस्से को स्थायी उपचार तो नहीं मिल पाया। मगर टूटे हिस्से में जियो बैग से अस्थायी उपचार कर इसे यातायात योग्य बना दिया गया। अब लोनिवि द्वारा टूटे हिस्से का चौड़ीकरण किया जा रहा है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : 2018 में टूटकर झील में समाए लोवर मालरोड के हिस्से को स्थायी उपचार तो नहीं मिल पाया। मगर टूटे हिस्से में जियो बैग से अस्थायी उपचार कर इसे यातायात योग्य बना दिया गया। अब लोनिवि द्वारा टूटे हिस्से का चौड़ीकरण किया जा रहा है। जिससे पर्यटन सीजन में रोड संकरी होने के कारण जाम का सामना न करना पड़े। सड़क की रोकथाम को लगाए गए पाइपों के बीच सेंड बैग लगाकर इसे उपचार दिया जा रहा है।
बता दे कि 2018 में लोवर मालरोड का करीब 25 मीटर हिस्सा टूटकर झील में समा गया था। इस दौरान करीब एक माह तक सड़क में यातायात ठप रहा था। सड़क के धंसे हुए हिस्से में लोहे के पाइप भूमिगत कर जियो बैग से बेस बनाकर अस्थायी सड़क तैयार की गई। जिसके बाद सड़क पर यातायात सुचारू हो पाया। मगर ट्रीटमेंट किया गया हिस्सा काफी संकरा होने के कारण वाहनों का दबाव बढने पर इस स्थान पर अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है।
अब पर्यटन सीजन में वाहनों का दबाव बढ़ने की संभावना को देखते हुए लोनिवि इससे निपटने के इंतजामो में लग गया है। अधिशाषी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि सड़क में जाम की समस्या न बने इसके लिए रोड को चौड़ा किया जा रहा है। जिसके लिए पूर्व में भूमिगत किये गए पाइपों के ऊपर वेल्डिंग कर चौड़ीकरण किया जा रहा है। पाइपों के ऊपर वेल्डिंग करने के साथ ही सेंड बैग का बेस बनाया जा रहा है। जिससे सड़क करीब एक मीटर और चौड़ी हो जाएगी।
छह माह गुजरे मगर पांच फीसदी भी पूरा नहीं हुआ उपचार
सड़क को चौड़ा कर लोनिवि सामने आई जाम की समस्या से तो निपट लेगा, लेकिन टूटे हुए हिस्से को विभाग नजर अंदाज कर रहा है। करीब ढाई साल पूर्व सड़क को अस्थाई उपचार देकर इसे यातायात लायक तो बना दिया गया है, लेकिन लगातार बढ़ते वाहनों के दबाव से इसमें धंसाव होने की संभावना बढ़ गयी है। जिसको देखते हुए विभाग द्वारा तैयार किये गए प्रोजेक्ट के तहत करीब 82 लाख की लागत से इस हिस्से का उपचार कर पूर्व में किये गए काम को मजबूती दी जानी है।
पाइप ड्रिल करने में आ रही समस्या
करीब 25 मीटर लंबे हिस्से में पाइप भूमिगत कर सड़क को मजबूत किया जाना है। जिसका काम बीते अक्टूबर माह में शुरू भी कर दिया गया है। मगर धीमी गति से कारण यह काम पांच फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। दीपक गुप्ता ने बताया कि पाइप ड्रिल करने में काफी समस्या आ रही है। जिसका समाधान निकालने के लिए कार्यदायी कंपनी से संपर्क किया जा रहा है। संभावना है कि परेशानियों को देखते हुए ट्रीटमेंट प्लान में भी बदलाव किया जाए।
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