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पानी के अभाव में चार साल से बंद पड़ा पुरुष छात्रावास तो हुआ आबाद पर महिला छात्रावास के अभी नहीं खुले ताले

पानी के अभाव में किराए के मकान में रह रहे छात्रों ने पानी के लिए बोरिंग होने के बाद 11 छात्र छात्रावास में रहने के लिए आ गए हैं। हालांकि अभी तक महिला छात्रावास के लिए किसी छात्रा ने आवेदन नहीं किया है। पहले दिन सफाई अभियान चलाया गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 05:10 PM (IST)
पानी के अभाव में चार साल से बंद पड़ा पुरुष छात्रावास तो हुआ आबाद पर महिला छात्रावास के अभी नहीं खुले ताले
अंत में कॉलेज प्रबंधन ने जल संस्थान से वार्ता करने के बाद दो बोरिंग करा समस्या को दूर किया।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : लोहाघाट छमनियां चौड़ स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में पेयजल संकट से बंद पड़े छात्रावास एक बार फिर आबाद होने लगे। पानी के अभाव में किराए के मकान में रह रहे छात्रों ने पानी के लिए बोरिंग होने के बाद 11 छात्र छात्रावास में रहने के लिए आ गए हैं। हालांकि अभी तक महिला छात्रावास के लिए किसी छात्रा ने आवेदन नहीं किया है। पहले दिन छात्रों ने छात्रावास के चारों ओर सफाई अभियान चलाकर झाडिय़ों को कटान किया।

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बता दें कि राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज मेें बने छात्रावास में चार साल पूर्व वर्ष 2017 में 60 छात्र व 30 छात्राएं रहती थी। छात्रावास में पानी न होने से विद्यार्थियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। पानी की समस्या को दूर करने के लिए छात्रों ने कई बार कॉलेज प्रबंधन से शिकायत की लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हुई। इससे परेशान होकर छात्र-छात्राओं ने छात्रावास खाली कर दिया और किराए के मकानों में रहने के लिए चले गए।कॉलेज प्रशासन ने मुख्य गेट के बाहर छात्रावासों में पानी न होने की सूचना भी चस्पा कर दी थी। तब से लेकर अभी तक छात्रावासों में सन्नाटा पसरा हुआ था। इस समस्या को दूर करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने छात्रावास परिसर में पानी पहुंचाने का काफी प्रयास किया लेकिन पानी नहीं पहुंचा। अंत में कॉलेज प्रबंधन ने जल संस्थान से वार्ता करने के बाद दो बोरिंग करा पानी की समस्या को दूर किया। कोरोना संक्रमण के बाद कालेज खुले तो छात्रों ने छात्रावास में पहुंचना शुरू किया। अब तक 11 छात्रों ने छात्रावास के लिए आवेदन किया और रहना शुरू कर दिया। हालांकि महिला छात्रावास में अभी तक किसी ने आवेदन नही किया है।

छात्रों ने चलाया सफाई अभियान

रविवार को पुरूष छात्रावास में रह रहे छात्रों ने शिक्षक मयंक बिष्ट के नेतृत्व में छात्रावास के चारों और झाड़ी कटान के साथ कूड़े का निस्तारण किया। सुनील भट्ट का कहना था कि छात्रों द्वारा प्रत्येक रविवार को एक दिन तय किया गया। उस दिन छात्रावास व आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाऐगा। सफाई अभियान में हिमांशु, सचिन, आकाश, सुमित राणा, सौरभ, पीयूष तोमर, दीपक सिंह, कृष्णा कुंवर आदि मौजूद रहे।

अभी भी नहीं खुल सका महिला छात्रावास

पानी के अभाव में 80 की संख्या वाले महिला छात्रावास के अभी तक ताले नहीं खुल पाए। जिसके चलते छात्राओं को बाहर किराए के मकानों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। खटीमा, पिथौरागढ़, बागेश्वर से छात्राओं के साथ पहुंचे अभिभावकों का कहना था कि महिला छात्रावास में पानी न होने से उन्हें बाहर कमरा लेकर रहना पड़ रहा है। उन्होंने कालेज प्रशासन से शीघ्र पेयजल व्यवस्था सुचारू कर दाखिला देना चाहिए। जल संस्‍थान के जेई पवन बिष्‍ट ने बताया कि पालीटेक्निक कैंपस परिसर में जल संस्थान विभाग ने दो बोर कराए है। राजकोट से मोटर पहुंच चुकी है। शीघ्र कार्य शुरू कर पेयजलापूर्ति सुचारु कर ली जाएगी।

प्रभारी प्रधानाचार्य गोविंद बल्‍लभ थुवाल का कहना है कि कालेज में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। छात्रावासों के लिए आवेदन करने पर छात्र छात्राओं को छात्रावास उपलब्ध कराए जा रहे है। कैंपस परिसर में दो बोर किए गए है। शीघ्र पेयजल व्यवस्था सुचारु कर दोनों छात्रावासों में छात्र छात्राओं को दाखिल किया जाएगा।


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