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आपदा के बाद पर्वतीय जिलों में रसोई गैस का संकट, दस से ज्यादा वाहन हाईवे पर फंसे

कुमाऊं में 18 और 19 अक्टूबर की रात आई आपदा को कोई नहीं भूल सकता। दो दिनों तक लगातार हुई भारी बारिश से शिप्रा व कोसी नदी उफान पर आ गई थी। नदी का वेग हाहाकारी था। इस आपदा में सड़कें ध्वस्त हो गईं। जहां तहां मकान जमींदोज हो गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 03:31 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 03:31 PM (IST)
आपदा के बाद पर्वतीय जिलों में रसोई गैस का संकट, दस से ज्यादा वाहन हाईवे पर फंसे
आपदा के बाद पर्वतीय जिलों में रसोई गैस का संकट, दस से ज्यादा वाहन हाईवे पर फंसे

संवाद सहयोगी, गरमपानी : कुमाऊं में 18 और 19 अक्टूबर की रात आई आपदा को कोई नहीं भूल सकता। दो दिनों तक लगातार हुई भारी बारिश से शिप्रा व कोसी नदी उफान पर आ गई थी। नदी का वेग हाहाकारी था। इस आपदा में सड़कें ध्वस्त हो गईं। जहां तहां मकान जमींदोज हो गए। ऐसे में लोगों का सब कुछ तबाह हो गया। यात्री व रसद से भरे वाहन जहां तहां फंस गए। लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पर्वतीय जनपदों को रसोई गैस लेकर जा रहे वाहन चालक भी सप्ताह भर से दोपांखी क्षेत्र में फंसे हुए हैं, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रसोई गैस का संकट गहरा सकता है। गैस से लदे दस से अधिक वाहन फंसे हें।

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भीषण आपदा के बाद अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के बंद हो जाने से पर्वतीय क्षेत्रों को रसोई गैस वाहन ले जा रहे करीब दस से ज्यादा वाहन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर दो पांखी क्षेत्र में फंस गए करीब 2000 रसोई गैस सिलेंडर वाहनों में भरे पड़े हैं वही चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चालकों के अनुसार बाजार से राशन खरीदकर भोजन तैयार किया। जैसे तैसे रात दिन काट रहे हैं। सप्ताह भर बीत चुका है पर अभी वाहनों को निकलने के लिए रोड तैयार नही है। एक ही जगह पर रहना मजबूरी बन चुका है। वहीं रसोई गैस वाहनों के क्षेत्र में फंसने से डीडीहाट, बागेश्वर, पिथौरागढ़ आदि क्षेत्रों में रसोई गैस संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है।

खैरना गरमपानी में मची भारी तबाही

मूसलाधार बारिश के बाद उठे जल प्रलय ने खैरना गरमपानी क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। कई लोगों के घर जमींनदोंज हो गए। लोग घर से बेघर हो चुके हैं। दूसरे के घरों में शरण लेना मजबूरी बन चुका है। वहीं क्षेत्र के व्यापारियों का भी बुरा हाल है। बीते दो वर्षों में व्यापारियों ने खासा नुकसान उठाया और जल प्रलय ने भारी नुकसान पहुंचा दिया है।अब दोबारा जिंदगी कैसे शुरू होगी यह बड़ा सवाल है। बैंकों से ऋण लेकर कार्य करने वाले व्यापारी खासे परेशान हैं।


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