मनरेगा कर्मियों की बहाली न होने पर ब्लॉक में जड़ा ताला, हंगामे के चलते कामकाज ठप
हाईकोर्ट के आदेश को 39 दिन बीत जाने के बावजूद शासन व प्रशासन ने मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत की बहाली के निर्देश न दिए तो सोमवार को पंचायत प्रतिनिधियों का धैर्य जवाब दे गया। कांग्रेसियों के साथ नारेबाजी करते हुए पंचायत प्रतिनिधि कार्यालय ब्लॉक मुख्यालय जा धमके।
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद निष्कासित मनरेगा कर्मी को अब तक नियुक्ति व वेतन न दिए जाने पर कांग्रेसी व पंचायत प्रतिनिधि फिर भड़क उठे हैं। उन्होंने ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन कर हंगामा काटा। कार्यालय गेट पर ताला जड़ धरने पर बैठ गए। अधिकारी कर्मचारियों को भीतर नहीं घुसने दिया। इससे कामकाज ठप हो गया। पूर्व विधायक मदन बिष्ट ने सरकार व प्रशासन पर तीखे प्रहार करते हुए इसे हाईकोर्ट की अवहेलना करार दिया।
हाईकोर्ट के आदेश को 39 दिन बीत जाने के बावजूद शासन व प्रशासन ने मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत की बहाली के निर्देश न दिए तो सोमवार को पंचायत प्रतिनिधियों का धैर्य जवाब दे गया। कांग्रेसियों के साथ नारेबाजी करते हुए पंचायत प्रतिनिधि कार्यालय खुलने से पहले ही ब्लॉक मुख्यालय जा धमके। हंगामे के बीच मुख्य गेट पर दिनभर के लिए तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। कार्यालय पहुंचे अधिकारी कर्मचारियों को बाहर ही रोक दिया गया। पूर्व विधायक मदन ने सरकार को गरीब व मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि सत्तापक्ष बेरोजगारी के खात्मे को कदम उठाने के बजाय रोजगार छीनने पर तुला है। उन्होंने मनरेगा कर्मी को पुन: नियुक्ति व वेतन न मिलने पर आंदोलन तेज करने का ऐलान किया।
ये है पूरा मामला
ब्लॉक कार्यालय में मनरेगा के तहत कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर नारायण सिंह रावत को बीती 17 जून को हटा दिया गया था। इसे प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई बताते हुए पंचायत प्रतिनिधियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। ब्लॉक में तालाबंदी की। कोई निष्कर्ष न निकला तो मामला उच्च न्यायालय पहुंचा। 25 अगस्त के न्यायालय ने मनरेगा कर्मी को नियुक्ति व वेतन भुगतान के आदेश दिए। मगर इस पर अमल न हुआ। आक्रोश फिर भड़क उठा है।
ये रहे मौजूद
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मदन बिष्ट, कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेंद्र नेगी व धरमवीर चौधरी, ग्रामप्रधान क्रमश: सतीस उपाध्याय, संतोष चौधरी, प्रकाश अधिकारी, कमल किशोर के अलावा गोपाल मासीवाल, अशोक कुमार, कृष्णा राठौर, संजय बिष्ट, ईश्वर नेगी, गंगा देवी, पुष्पा देवी, मोहनी देवी, कमला देवी, खिमुली देवी, भावना देवी, कल्पना रावत आदि।
बीडीओ शाकिर हुसैन ने बताया कि जरूरी बैठक के लिए अल्मोड़ा गया हूं। तालाबंदी करना एकदम गलत है। इससे सारे कार्य प्रभावित हुए हैं। मनरेगा कर्मचारी के निष्कासन तथा न्यायालय के फैसले पर अभी विधिक राय ली जा रही है।