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सामरिक महत्व का चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग खुला, दारमा और मिलम मार्ग अब भी बंद

बारिश व हिमपात के चलते सीमांत जिले की बंद 105 सड़कों में 73 यातायात के लिए खुल चुकी हैं। अति सामरिक महत्व का चीन सीमा को जोडऩे वाला तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग भी बीआरओ ने सोमवार को बर्फ हटाकर खोल दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 06:45 PM (IST)
सामरिक महत्व का चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग खुला, दारमा और मिलम मार्ग अब भी बंद
सीमांत में लिपुलेख मार्ग खुला, दारमा और मिलम मार्ग अब भी बंद

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ : बारिश व हिमपात के चलते सीमांत जिले की बंद 105 सड़कों में 73 यातायात के लिए खुल चुकी हैं। अति सामरिक महत्व का चीन सीमा को जोडऩे वाला तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग भी बीआरओ ने सोमवार को बर्फ हटाकर खोल दिया। इससे उच्च हिमालयी व्यास घाटी का जिले से संपर्क जुड़ गया है। चीन सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-दारमा और मुनस्यारी-मिलम मार्ग अभी भी बंद हैं।

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सीमांत में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग शनिवार को खुल गया था। वहीं सोमवार को धारचूला से गुंजी तक तक वाहन चलने लगे हैं। इससे व्यास घाटी के ग्रामीणों को राहत मिली है। व्यास मार्ग खुलने से घाटी के सात गांवों बूंदी, गब्र्याग, गुंजी, नपलच्यु, नाबी, रोंगकोंग और कुटी तक यातायात सुचारु हो गया है। सोमवार को मार्ग खुलने से विगत 17 अक्टूबर से फंसे वाहन भी धारचूला पहुंच चुके हैं।

धारचूला में दूसरा सीमा मार्ग तवाघाट-सोबला-तिदांग बंद होने से चालीस से अधिक गांवों का संपर्क भंग है। यह मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। मार्ग के जल्दी खुलने के आसार नहीं हैं। मार्ग के जल्दी नहीं खुलने पर दारमा के उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीणों को माइग्रेशन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने सड़क विभागों को प्राथमिकता के साथ बंद सड़कें खोलने के निर्देश दिए।

मुनस्यारी मार्ग बंद, यात्रियों ने बिर्थी में गुजारी रात

थल-मुनस्यारी मार्ग पर रविवार की सायं बिर्थी, गिरगांव के निकट ट्रक फंस जाने से हल्द्वानी सहित अन्य स्थानों से मुनस्यारी आ रहे यात्रियों को बिर्थी में रात गुजारनी पड़ी। माल से लदे ट्रक को जेसीबी से निकालने का प्रयास किया गया परंतु ट्रक नहीं निकल सका। सायं को मुनस्यारी से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और थल से मुनस्यारी को जा रहे वाहन फंस गए। इनमें लगभग दो दर्जन सवारियां थीं। डीएम डा. आशीष चौहान ने फंसे यात्रियों को लोनिवि विश्राम गृह बिर्थी और केएमवीएन के पर्यटक आवास गृह में ठहराया। सोमवार सुबह पोकलैंड मशीन से ट्रक निकाला गया तब जाकर मुनस्यारी मार्ग पर आवाजाही प्रारंभ हुई।


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