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दहेज हत्या में पुलिस के जवान को आजीवन कारावास, अर्थदंड भी लगाया

अपर सत्र न्यायाधीश ने दहेज हत्या मेंदोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे दहेज प्रतिषेध में एक साल की अतिरिक्त कठोर कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड भी भोगना पड़ेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:37 PM (IST)
दहेज हत्या में पुलिस के जवान को आजीवन कारावास, अर्थदंड भी लगाया
दहेज हत्या में पुलिस के जवान को आजीवन कारावास, अर्थदंड भी लगाया

बागेश्वर, जेएनएन : अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा ने दहेज हत्या मेंदोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे दहेज प्रतिषेध में एक साल की अतिरिक्त कठोर कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड भी भोगना पड़ेगा। अभियुक्त पुलिस लाइन में चालक के पद पर कार्यरत है। मृतका के भाई ने कोतवाली में तहरीर दी। मृतका नीमा का विवाह 21 फरवरी 2018 को अभियुक्त अनिल घिल्डियाल पुत्र उमाकांत निवासी कालीगांव, करगेत, जिला अल्मोड़ा, तत्कालीन चालक पुलिस लाइन बागेश्वर के साथ संपन्न हुआ था। मृतका नीमा अपने पति के साथ बागेश्वर के सैंज में किराए के मकान में रहती थी।

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26 मार्च 2019 को मृतका का शव स्थानीय लोगों ने अग्निकुंड पुल के पास विकास भवन वाली रोड पर नदी किनारे होने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस और आसपास के लोगों ने शव की पहचान नीमा पत्नी अनिल घिल्डियाल के रूप में की। नीमा की मौत की सूचना पर उसके मायके से परिवार वाले आए और मौत को दहेज हत्या मानते हुए उसके भाई ने कोतवाली में तहरीर दी। जिस पर कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त अनिल घिल्डियाल के विरुद्ध धारा 304बी, 498ए आइपीसी और 314 डीपी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की। मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी महेश चंद्र जोशी ने की। विवेचक ने मृतका की मौत का सही कारण जानने के लिए बिसरा रिपोर्ट मांगी। बिसरा रिपोर्ट में जहर मिलने की पुष्टि हुई।

मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने मामले में 12 गवाह और अभियुक्त के द्वारा अपने बचाव में एक गवाह अदालत के समक्ष परीक्षित करवाया गया। अदालत ने गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास के दंड से दंडित किया। इसके अलावा दहेज प्रतिषेध में एक साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। मामले में राच्य की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आविद हसन, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंचल पपोला ने की। मामले में थाना कोतवाली के पैरोकार जितेंद्र तिवारी, कोर्ट मोहर्रिर राजेंद्र नाथ गोस्वामी, आशुलिपिक नवीन लाल ने विशेष सहयोग किया।

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