किशोरी के दुष्कर्मी को पॉक्सो की विशेष अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
किशोरी से लंबे समय तक दुष्कर्म कर उसे गर्भवती बनाने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनीष पांडे की अदालत ने श्रमिक को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : किशोरी से लंबे समय तक दुष्कर्म कर उसे गर्भवती बनाने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनीष पांडे की अदालत ने श्रमिक को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी लंबे समय से सलाखों के पीछे है। शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि गैस प्लांट मोटाहल्दू लालकुआं निवासी आलोक मंडल पुत्र अशोक मंडल मजदूरी करता था। उसका क्षेत्र में ही रहने वाले एक मजदूर के घर आना-जाना था। आलोक मजदूर व उसकी पत्नी के काम पर जाने के दौरान घर पर अकेली 13 साल की बेटी से दुष्कर्म करता रहा। एक अक्टूबर 2016 को पड़ोसी महिला को किशोरी का पेट फूला हुआ दिखा। शक होने पर महिला ने मां से किशोरी की जांच कराने को कहा।
जांच में पता चला कि किशोरी 30 से 32 सप्ताह की गर्भवती है। मां की पूछताछ में किशोरी ने आपबीती बताई। उसी दिन आलोक मंडल के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। पुलिस ने आलोक मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ये मामला विशेष न्यायाधीश पाक्सो मनीष पांडे की अदालत में चला। किशोरी के शिशु को जन्म देने पर उसकी डीएनए जांच कराई गई। किशोरी, आलोक मंडल व शिशु का डीएनए मैच कर गया। जांच अधिकारी ने आलोक मंडल के विरुद्ध 376(2), 452 आइपीसी व 5ठ पाक्सो अधिनियम में आरोप पत्र न्यायालय ने दाखिल किए। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में आठ गवाह पेश किए गए। शुक्रवार को न्यायालय ने आलोक मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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