नैनीताल के सरकारी स्कूलों पर अस्तित्व का संकट, 12वीं तक के स्कूलों में दो सौ से कम छात्र संख्या
नैनीताल के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। शहीद मेजर राजेश अधिकारी जीआईसी सीआरएसटी कॉलेज एशडेल नगरपालिका बालिका इंटर कॉलेज में साल दर साल छात्र संख्या घट रही है। इन विद्यालयों में दो सौ से कम छात्र संख्या पहुंच गई है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : नैनीताल के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। शहीद मेजर राजेश अधिकारी जीआईसी, सीआरएसटी कॉलेज, एशडेल नगरपालिका बालिका इंटर कॉलेज में साल दर साल छात्र संख्या घट रही है। इन विद्यालयों में कक्षा छह से 12 तक तक में दो सौ से कम छात्र संख्या पहुंच गई है। जबकि शिक्षक सरप्लस हो गए हैं।
शिक्षा के हब के रूप में प्रसिद्ध शहर की सरकारी शिक्षा बुरे दौर से गुजर रही है। शहीद मेजर राजेश अधिकारी जीआईसी में 90 के दशक के सुनहरे दौर में छात्र संख्या एक हजार से अधिक थी, जो अब महज डेढ़ सौ के आसपास है और हर साल घट रही है। स्थिति यह हो गई कि इस विद्यालय में करीब आधा दर्जन शिक्षक सरप्लस हो गए हैं। अभिभावकों से घर घर सम्पर्क के बाद भी छात्र संख्या नहीं बढ़ना शिक्षक समुदाय को चिंतित कर रहा है।
शहर के सबसे पुरानी व ऐतिहासिक शिक्षण संस्थानों में शुमार सीआरएसटी कॉलेज का भी यही हाल है। योग्य शिक्षक होने के बाद भी विद्यालय में भी छात्र संख्या दो सौ से कम है। यह तब है जब शहर के आसपास के गांव के गरीब तबके के बच्चे यहां आते हैं। दूसरे स्कूल में किसी कारणवश अनुत्तीर्ण हो गए छात्रों का एक मात्र यही स्कूल है, जो फीर से नियमित कक्षा की अनुमति देता है। नगरपालिका बालिका इंटर कॉलेज का भी कमोवेश यही हाल है। सूखाताल में संचालित विद्यालय में छात्राओं की संख्या तेजी से कम हो रही है।
जीजीआईसी व शहीद सैनिक स्कूल ने जगाई उम्मीद
शहर के शहीद सैनिक स्कूल व जीजीआईसी ने उम्मीद जगाई है। सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता के नेतृत्व में बेहतर होते शैक्षणिक माहौल व नगर5 माध्यम में पढ़ाई शुरू होने की वजह से छात्र संख्या 1200 के पार हो गई है। इधर जीजीआईसी में प्रधानाचार्य सावित्री दुग्ताल के अथक प्रयासों से विद्यालय ना केवल अटल उत्कृष्ट श्रेणी में शामिल हो गया बल्कि अगले सत्र से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होगी। यहां छात्राओं की प्रतिभा निखारने के लिए अभिनव प्रयोग शुरू किए गए हैं।