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पिंजरे में तेंदुए के लिए रखा है चिकन, फिर भी नहीं फंस रहा तेंदुआ, जिंदा कुत्ते के लिए भटक रहा

हल्द्वानी की आबादी में आतंक मचा रहे तेंदुए को कैद करने के लिए वन विभाग की पूरी उम्मीद पिंजरों पर टिकी है। तेंदुए को लालच के लिए मुर्गे का मांस भी रखा गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:06 PM (IST)
पिंजरे में तेंदुए के लिए रखा है चिकन, फिर भी नहीं फंस रहा तेंदुआ, जिंदा कुत्ते के लिए भटक रहा
पिंजरे में तेंदुए के लिए रखा है चिकन, फिर भी नहीं फंस रहा तेंदुआ, जिंदा कुत्ते के लिए भटक रहा

हल्द्वानी, जेएनएन : हल्द्वानी की आबादी में आतंक मचा रहे तेंदुए को कैद करने के लिए वन विभाग की पूरी उम्मीद पिंजरों पर टिकी है। तेंदुए को लालच के लिए मुर्गे का मांस भी रखा गया है। मगर गुलदार की दिलचस्पी इस एक किलो चिकन को लेकर बिलकुल भी नहीं। देवलचौड़ में वह रोजाना कुत्तों का शिकार कर अपना पेट भर रहा है। पालतू से लेकर अवारा कुत्ते भी गायब हो रहे हैं। जिस वजह से लोगों की दहशत और बढ़ रही है।

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बजूनियाहल्दू, सोनकोट, शीशमहल, गौलापार से लेकर देवलचौड़ तक गुलदार ने लोगों को डरा रखा है। सोनकोट में वह ट्रेप कैमरा में तो दिखा लेकिन पिंजरे से दूरी बना ली। वहीं, देवलचौड़ में विभाग ने दो पिंजरे लगाकर गुलदार की कैद करने की उम्मीद लगा रखी। इसमें मुर्गें के मांस का टुकड़ा भी लगा रखा। गुलदार अक्यर ओपन यूनिवर्सिटी की दीवार से लेकर खेत में मूवमेंट कर रहा, लेकिन सात दिन से लगे पिंजरे के पास भटका तक नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि रोज जिंदा शिकार करने वाला गुलदार मांस के टुकड़े खाने नहीं जाएगा। वहीं, बरेली रोड स्थित श्रीपुरम इलाके में शनिवार गुलदार देखे जाने को लेकर भी चर्चा रही। पूछने पर रेंजर उमेश चंद्र आर्य ने बताया कि फिलहाल किसी स्थानीय ने शिकायत नहीं की।

तेंदुआ पकड़े जाने पर ही खत्म होगा डर

स्थानीय युवक नीरज जोशी का कहना है कि लोगों का डर खत्म करने को तेंदुए का पकड़ा जाना बेहद जरूरी है। अंधेरे होने के बाद दहशत का माहौल पैदा हो जाता है। खेत से लेकर दीवारों तक में वह दिखाई दे रहा। बीडीसी मेंबर पंकज बोरावन ने बताया कि विभाग को तेंदुए की तरह लोगों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर होना पड़ेगा। अधिकारी ग्रामीणों की शिकायत को तवज्जों नहीं दे रहे। जिससे और दिक्कत खड़ी होगी।


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