आदमखोर का नहीं चला पता, कांबिंग जारी
भीमताल में विकासखंड ओखलकांडा के तुषराड़ बजवाल और धैना गांव आतंक मचाने वाल गुलदार 11 दिन बाद भी शिकारियों की पकड़ से दूर है।
संवाद सहयोगी, भीमताल : विकासखंड ओखलकांडा के तुषराड़, बजवाल और धैना गांव आतंक मचाने वाला गुलदार 11 दिन बाद भी वन विभाग और शिकारियों की पकड़ से दूर है। शिकारियों व वन विभाग द्वारा जंगल छानने के बाद भी आदमखोर का कोई सुराग नहीं मिला।
ओखलकांडा में तीन महिलाओं को मार चुके गुलदार का खौफ अब भी कम नहीं हुआ। आदमखोर को मारने के लिए तीन शिकारी कई दिनों से जंगल में डेरा डाले हुए हैं और दिन-रात गश्त कर रहे हैं। वहीं कई ग्रामीण भी रात्रि में गांव में पहरा दे रहे हैं। धैना के पूर्व प्रधान मोहन सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में ंिपंजड़ा लगा हुआ है पर गुलदार दिखाई नहीं दे रहा है। तुषराड़ की रेंजर शशि बिष्ट ने बताया कि केवल एक बड़े पंजे के निशान और गुलदार के मल के अतिरिक्त गुलदार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
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जंगल में गुलदार को भोजन की कमी नहीं
इधर तुषराड़ में पिछले कई दिनों से लगातार कांबिंग कर रही वन विभाग और शिकारियों की टीम ने जंगल में पर्याप्त काकड़, जंगली सूअर होने की बात कही है। वन विभाग की माने तो गुलदार को भोजन की कमी उसके आदमखोर होने की वजह नहीं हो सकती है। इधर वन विभाग ने शनिवार को भी अपना सर्च आपरेशन जारी जारी रखा। रविवार सुबह तक शिकारी लखपत सिंह ने क्षेत्र में गश्त करने की बात कही है।