पहले भी फतेहपुर में चार लोगों पर हमला कर चुका है तेंदुआ, फिर भी वन विभाग ने नहीं पकड़ा
नैनीताल जिले के फतेहपुर क्षेत्र में किशोरी और बच्चे पर हमला करने वाला तेंदुआ तीन माह पहले से दिखाई दे रहा था। दो माह तक लगातार उसने लोगों पर हमले किए। गुजरौड़ा गांव में रहने वाली भगवती देवी पर गुलदार ने हमला किया था।
हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल जिले के फतेहपुर क्षेत्र में किशोरी और बच्चे पर हमला करने वाला तेंदुआ तीन माह पहले से दिखाई दे रहा था। दो माह तक लगातार उसने लोगों पर हमले किए। गुजरौड़ा गांव में रहने वाली भगवती देवी पर गुलदार ने हमला किया था। भगवती देवी ने तब बाथरूम में घुसकर जान बचाई थी। जंगल से घास लेकर आते समय ग्रामीण बीना पांडे पर झपटा था। साथी महिलाओं के शोर मचाने पर गुलदार के भागने से बीना की जान बची थी। ग्रामीण तुलसी देवी पर घर के आंगन में ही गुलदार झपट गया था।
फतेहपुर से गांव की ओर जा रहे बाइक सवार राजीव बोरा व पूरन बोरा पर भी तेंदुआ झपट गया था। उसके आतंक से निजात दिलाने को जनप्रतिनिधि व ग्रामीण लंबे समय तक आंदोलित रहे। वन विभाग ने गांव में पिंजड़ा व चार कैमरे भी लगाए। इसके बावजूद न तो गुलदार पकड़ में आया और न ही किसी भी कैमरे में ट्रेप हुआ है। वहीं पिछले एक महीने से तेंदुआ नहीं दिखा तो ग्रामीणों में भय कम होने लगा था। सोमवार को किशोरी पर हमले ने फिर से पूरे इलाके को खौफजदा कर दिया है।
वन विभाग ने किशोरी के प्राथमिक उपचार का खर्च
वन विभाग के रेंज अफसर ख्याली राम व उप रेंज अफसर किशोर गोस्वामी देर शाम तक बेस अस्पताल में प्रियंका का उपचार में जुटे रहे। रेंज अफसर ने बताया कि प्रियंका के प्राथमिक उपचार का खर्च वन विभाग की ओर से उठाया जा रहा है। पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद के लिए जल्द रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
वन विभाग के खिलाफ ग्रामीण करेंगे आंदोलन
रितु जोशी, ग्राम प्रधान, गुजरौड़ा ने बताया कि गुलदार लगाकर ग्रामीणों पर हमला कर रहा है। सोमवार को किशोरी पर हमले की घटना से ग्रामीण डरे हुए हैं। वन विभाग से तीन महीने से गुलदार को पकडऩे की मांग की जा रही है। इसके बावजूद अफसर व कर्मचारी औपचारिकता निभा रहे हैं। वन विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
लगाया जाएगा पिजड़ा
फतेहपुर रेंज के रेंज अफसर ख्याली राम आर्य ने बताया कि घायल किशोरी का विभाग की ओर से उपचार कराया जा रहा है। सोमवार को जंगल गयी महिलाओं को वन कर्मचारियों की सुरक्षा में गांव तक लाया गया। तेंदुए को ढूंढने के लिए जंगल में पेट्रोलिंग शुरू कर दी गयी है। उसे पकडऩे के लिए एक और पिंजड़ा लगाया जाएगा।