Wildlife Mutual Conflict : रामनगर वन प्रभाग में आपसी संघर्ष के दौरान तेंदुए की मौत
रामनगर वन प्रभाग देचौरी गांव के जंगल में आपसी संघर्ष में नर तेंदुए की मौत हो गई। वनाधिकारियों ने कब्जे में लेकर तेंदुए के शव को जला दिया। वहीं फारेस्ट कर्मियों ने संघर्ष के दौरान दूसरे तेंदुए या बाघ के भी घायल होने की आशंका जताई गई है।
संवाद सूत्र, रामनगर : रामनगर वन प्रभाग देचौरी गांव के जंगल में आपसी संघर्ष में नर तेंदुए की मौत हो गई। वनाधिकारियों ने कब्जे में लेकर तेंदुए के शव को जला दिया। उसके शव पर चोट के कई निशान मिले हैं। वहीं फारेस्ट कर्मियों ने संघर्ष के दौरान दूसरे तेंदुए या बाघ के भी घायल होने की आशंका जताई गई है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि अभियान चलाकर उसे रेस्क्यू करने के बाद उसका उपचार किया जाएगा।
रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत देचौरी रेंज के पवलगढ़ क्षेत्र में पूर्व प्रधान हरीश कांडपाल के घर के पीछे नहर के समीप एक तेंदुए मृत मिला। उसकी उम्र करीब पांच साल आंकी गई है। पूर्व प्रधान ने मृत गुलदार देखा तो वन विभाग के रेंजर ललित जोशी को घटना की सूचना दी। जोशी ने मौके पर पहुंच कर शव का निरीक्षण किया। तेंदुए के शव पर पुराने गहरे जख्म के निशान थे। जख्म में कीड़े भी पडऩे लगे थे। शव को कब्जे में लेकर मौके पर पोस्टमार्टम कराया।
पोस्टमार्टम हल्द्वानी जू के पशु चिकित्सक आयुष उनियाल व नैनीताल जू के पशु चिकित्सक डा. हिमांशु पांगती ने किया। रेंजर ललित जोशी ने बताया कि तेंदुए का किसी ताकतवर बाघ या गुलदार से संघर्ष हुआ होगा। घायल होने के बाद तेंदुए के शरीर पर कई घाव हो गए थे। जिस वजह से उसने दम तोड़ दिया। तेंदुए की रीढ़ की हड्डी भी टूटी पाई गई है। पशु चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी विभाग को सौंप दी गई है। जिसमें आपसी संघर्ष का जिक्र किया गया है।