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नेता प्रतिपक्ष ने नैनीताल को रेड जोन बनाए जाने का विरोध किया, कहा-संक्रमित मिले प्रवासी अन्य जिलों के

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने नैनीताल जिले को रेड जोन घोषित करने पर नाराजगी जताई है। इंदिरा ने कहा कि हाल में संक्रमित मिले प्रवासी कुमाऊं के अन्य जिलों के निवासी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:39 AM (IST)
नेता प्रतिपक्ष ने नैनीताल को रेड जोन बनाए जाने का विरोध किया, कहा-संक्रमित मिले प्रवासी अन्य जिलों के
नेता प्रतिपक्ष ने नैनीताल को रेड जोन बनाए जाने का विरोध किया, कहा-संक्रमित मिले प्रवासी अन्य जिलों के

हल्द्वानी, जेएनएन : नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने नैनीताल जिले को रेड जोन घोषित करने पर नाराजगी जताई है। इंदिरा ने कहा कि हाल में संक्रमित मिले प्रवासी कुमाऊं के अन्य जिलों के निवासी हैं। जांच करने के बाद हल्द्वानी में उनका उपचार चल रहा है। ऐसे में इन्हें नैनीताल के खाते में जोडऩा गलत है। रेड जोन घोषित होने से समाज के हर वर्ग में डर का माहौल पैदा हो रहा है।

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ट्रेन व बस से लौटे प्रवासियों की जांच के दौरान बड़ी संख्या में संक्रमित निकलने पर रविवार को शासन द्वारा नैनीताल को रेड श्रेणी में शामिल कर दिया गया। इस कैटेगिरी में यह प्रदेश का एकमात्र जिला है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष कुमाऊं कमिश्नर अरविंद हृयांकि को फोन कर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। डॉ. इंदिरा ने कहा कि छोटे-बड़े कारोबारियों से लेकर श्रमिक तक आठ जून से रोजगार खुलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। शासन के इस निर्णय से सभी लोग परेशान है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि मामले को सीएम से भी बात की गई। उम्मीद है कि आठ जून से पहले सरकार कोई सकारात्मक फैसला लेगी।

वहीं नैनीताल में व्यापारियों ने प्रभारी मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर इसे ज्यादती करार दिया है। जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे प्रशासनिक नाकामी कहा है। सोमवार को व्यापार मंडल मल्लीताल के अध्यक्ष किशन नेगी, तल्लीताल के अध्यक्ष भुवन लाल साह समेत अन्य ने ज्ञापन भेजकर कहा है कि 30 मई को भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिले को बफर, कंटेनमेंट व नॉन कंटेनमेंट जोन में बांटा जाना था। मगर इस आदेश के बजाय पुरानी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए जिले को रेड जोन घोषित कर दिया गया। जबकि नैनीताल शहर में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं है।

पिछले ढाई माह से नैनीताल के कारोबारी लॉकडाउन में आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, भारत सरकार व गृह मंत्रालय व्यापार व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रही है मगर उत्तराखंड सरकार विषम परिस्थितियां पैदा कर रही है। वहीं कांग्रेस व आप ने सवाल उठाया है कि दूसरे जिलों के मामलों को नैनीताल में क्यों जोड़ा जा रहा है? कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने कहा कि पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व बागेश्वर के मामलों को भी नैनीताल जिले में जोड़ दिया गया, जिससे जिल रेड जोन में आ गया।

इससे पर्यटन के साथ ही अन्य कारोबार शुरू होने की उम्मीद धूमिल हो गई। उधर, आम आदमी पार्टी ने रेड जोन की श्रेणी न हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान वरिष्ठ नेता प्रदीप दुम्का, सदस्यता प्रमुख शाकिर अली, संदीप भटनागर, विजय साह, पीसी जोशी, रामनारायण आदि मौजूद थे।

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