हाई कोर्ट के आदेश से कब्जे में ली गई लक्ष्मी हथिनी की हालत बिगड़ी, क्रेन से उठाई गई
ई कोर्ट के आदेश से कब्जे में ली गई लक्ष्मी हथिनी की हालत गुरुवार को बिगड़ गई। वह एक बार बैठने पर दोबारा खड़ी नहीं हो पाई। महकमे में हड़कंप मचा तो क्रेन मंगाकर उसे खड़ा किया गया।
रामनगर, जेएनएन : हाई कोर्ट के आदेश से कब्जे में ली गई लक्ष्मी हथिनी की हालत गुरुवार को बिगड़ गई। वह एक बार बैठने पर दोबारा खड़ी नहीं हो पाई। महकमे में हड़कंप मचा तो क्रेन मंगाकर उसे खड़ा किया गया। पूरे दिन उसे क्रेन से पट्टे के सहारे खड़ा किया गया। वन महकमा उसकी देखभाल में तो जुटा है। लेकिन उसके स्वास्थ्य को लेकर बेबस नजर आ रहा है।
रामनगर वन प्रभाग द्वारा रिसॉर्ट एवं निजी आठ हथिनी कब्जे में ली गई थी। एक हथिनी को वापस कर दिया है। आमडंडा में अब सात हथिनियां है। लक्ष्मी हथिनी के पैर में संक्रमण की वजह से वह वह खड़ी नहीं हो पा रही है। बुधवार रात को वह बैठी तो फिर खड़ी नहीं हो पाई। गुरुवार को क्रेन मंगाकर उसे उठाया गया। इसके बाद पशु चिकित्साधिकारी योगेश अग्रवाल को बुलाकर उपचार कराया गया। अब उसे के्रन में पट्टे के सहारे खड़ा किया गया है। यदि उससे पट्टा हटाएंगे तो वह नीचे गिर जाएगी। हथिनी की हर दिन बिगड़ रही हालत को लेकर वन महकमा चिंतित है। पशु चिकित्सक के टे्रनिंग में होने की वजह से महकमे को उपचार कराने में दिक्कत आ रही है। डीएफओ बीपी सिंह ने बताया कि हथिनी इंफीटी रिसॉर्ट की है। रिसॉर्ट के लोगों को बुलाकर हथिनी की हालत के बारे में बताया है। वह जिससे भी लक्ष्मी का उपचार कराना चाहें करा सकते हैं। उपचार का खर्च वन विभाग उठाएगा। विभागीय स्तर जितना भी उपचार हो सकता है किया जा रहा है।
मथुरा से भी बुलाई थी टीम
हथिनी के उपचार के लिए वन विभाग हर कवायद कर चुका है। पिछले साल आइवीआरआइ बरेली के पशु चिकित्सकों की टीम आई थी। इसके बाद 10 अपै्रल को वाइल्ड लाइफ एलीफैंट कंजरवेशन एंड केयर सेंटर मथुरा से टीम पहुंची थी। इसके बाद पंतनगर से भी विशेषज्ञों की टीम आई थी। लेकिन हथिनी की हालत में सुधार नहीं हुआ।
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