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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के हाई कोर्ट शिफ्ट करने के बयान पर भड़के अधिवक्‍ता, कही ये बात

क्रांतिकारी अधिवक्ता मंच ने हाई कोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट किए जाने के मामले में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान की भत्र्सना की है और राज्य के जागरूक नागरिकों से पहाड़ के अस्तित्व व अस्मिता को बचाने के लिए उठ खड़े होने का आह्वान किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 08:36 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 08:36 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के हाई कोर्ट शिफ्ट करने के बयान पर भड़के अधिवक्‍ता, कही ये बात
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के हाई कोर्ट शिफ्ट करने के बयान पर भड़के अधिवक्‍ता, कहीं ये बात

जागरण संवाददाता, नैनीताल : क्रांतिकारी अधिवक्ता मंच ने हाई कोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट किए जाने के मामले में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान की भत्र्सना की है और राज्य के जागरूक नागरिकों से पहाड़ के अस्तित्व व अस्मिता को बचाने के लिए उठ खड़े होने का आह्वान किया है। मंच ने दावा किया कि हाई कोर्ट के 95 प्रतिशत अधिवक्ता हाई कोर्ट को शिफ्ट करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पंतनगर में नया एयरपोर्ट बनाने के लिए सरकार के पास सौ एकड़ भूमि नहीं है तो मंत्री के दावे के अनुसार, हाई कोर्ट के लिए वहां सौ एकड़ भूमि कहां से आएगी।

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गुरुवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी पंत, सैयद नदीम मून, पूर्व सचिव दुर्गा सिंह मेहता, भुवनेश जोशी, प्रेम सिंह सौन ने प्रेस वार्ता की और कहा कि कैबिनेट मंत्री महाराज ने चुनावी बेला पर हाई कोर्ट शिफ्ट का बयान देकर तुच्छ राजनीतिक सोच का परिचय दिया है। हाई कोर्ट से पर्यटन प्रभावित होने का तर्क सिर्फ छलावा है। कहा कि मैदान का कोई जनप्रतिनिधि हाई कोर्ट शिफ्ट करने की मांग नहीं कर रहा, लेकिन पहाड़ के हितैषी होने का दावा करने वाले नेता ही इस मुद्दे को बेवजह हवा दे रहे हैं। कहा कि पिछले 21 साल में राजनीतिक दलों, नेताओं व अधिकारियों के गठजोड़ ने राज्य की मूल अवधारणा को समाप्त कर दिया है।

पलायन पर सरकार गाल बजा रही है और अविभाजित उत्तर प्रदेश के जमाने से पहाड़ में बने निदेशालयों को मैदान शिफ्ट कर रही है। नेशनल विधि विश्वविद्यालय को भवाली से रानीपोखरी शिफ्ट कर दिया गया। एम्स की शाखा पहाड़ के बजाय रुद्रपुर में बनाई जा रही है। बहुमत की सरकार ने भू कानून को लचीला बनाकर पहाड़ को बेचने का रास्ता खोल दिया। उन्होंने एक स्वर में कहा कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पर पुनर्विचार करते हुए उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए, इस संबंध में जल्द पत्र राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, विधि मंत्री व लॉ कमीशन को भेजा जाएगा।

आत्मदाह की चेतावनी दी

इधर, उत्तराखंड बार काउंसिल के पूर्व सचिव विजय सिंह ने भी कहा कि हाई कोर्ट शिफ्ट करने का विरोध किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलाया जाएगा और आत्मदाह करना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे।


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