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पिथौरागढ़ में भारी बारिश से भूस्खलन, हवा में लटका मकान

स्थानीय निवासी दौलत सिंह गुंज्याल पुत्र गैलांग सिंह का मकान खतरे में आ चुका है। मकान हवा में लटका है। मकान सहित बस्ती को बचाने के लिए मनरेगा के तहत बनी सुरक्षा दीवार ढह गई है। मकान से लेकर काली नदी किनारे तक कटाव हुआ है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 07:01 PM (IST)
पिथौरागढ़ में भारी बारिश से भूस्खलन, हवा में लटका मकान
भारी भू कटाव होने से एक मकान पूरी तरह खतरे में आ गया है।

टीम जागरण, पिथौरागढ़/ धारचूला : जिले में मौसम का मिजाज बदला है। दिन भर आसमान बादलों से घिरा रहा। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। भारी बारिश से धारचूला के व्यासनगर खोतिला में मनरेगा से बनी सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई और भारी भू कटाव होने से एक मकान पूरी तरह खतरे में आ गया है। आसपास के आधा दर्जन मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। गांव में दहशत बनी है।

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भारी बारिश से घटखोला नाले के ऊफान में आने से काली नदी से धारचूला के बचाव के लिए निर्माणाधीन तटबंध की निर्माण सामग्री बह गई है। पीसीसी दीवार तक मलबा जमा हो चुका है और यहां तक भू कटाव हो चुका है। ठेकेदार ने एसडीएम को पत्र देकर नुकसान की जानकारी देते हुए खतरे वाले स्थल पर कार्य करने के लिए सुझाव देने की मांग की है। सोमवार को धारचूला क्षेत्र में भारी बारिश हुई।

भारी बारिश से व्यासनगर खोतिला में भू कटाव हो चुका है। स्थानीय निवासी दौलत सिंह गुंज्याल पुत्र गैलांग सिंह का मकान खतरे में आ चुका है। मकान हवा में लटका है। मकान सहित बस्ती को बचाने के लिए मनरेगा के तहत बनी सुरक्षा दीवार ढह गई है। मकान से लेकर काली नदी किनारे तक कटाव हुआ है।

प्रभावित दौलत सिंह गुंज्याल का परिवार इस समय ग्रीष्मकालीन माइग्रेशन में उच्च हिमालयी गुंजी गांव  में है। परिवार को ग्रामीणों ने सूचना दे दी है। मकान के आसपास के आधा दर्जन मकानों को भी खतरा पैदा हो चुका है। इस दौरान धारचूला के पास बहने वाला घटखोला नाला ऊफान पर आ गया। नाले के पास काली नदी में धारचूला नगर की सुरक्षा के लिए निर्माणाधीन तटबंध स्थल पर खतरा पैदा हो गया है । ऊफान पर आए नाले से कुछ निर्माण सामग्री बह गई है और कुछ सामग्री मलबे में दब गई है।

ठेकेदार ने इसकी सूचना एसडीएम धारचूला को देते हुए खतरे वाले स्थल का निरीक्षण कर सुझाव देने की मांग की है। निर्माण सामग्री में  सटरिंग प्लेट , मिक्चर मशीन, वाइवरेटर मशीन , पाईप, दो सौ लीटर के ड्रम, रेता, सीमेंट, डीजल, ढोके ,पेट्रोल वाइवरेटर सहित कार्य में प्रयुक्त सारा सामान बह गया है और मलबे में दब गया है। स्थल पर खतरा पैदा हो गया है।


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