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चम्‍पावत के हाईवे पर हर 10 मीटर मेंं लैंड स्लाइड, सचेत होकर करें सफर, 50 से अधिक जगह बने नए डेंजर जोन

टनकपुर से पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड पर सफर करने की सोच रहे हैं तो आपको बहुत ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। कारण कि बीते दिनों हुई बारिश से एनएच पर जगह-जगह लैंड स्लाइड हो रहा है। यह स्थिति एक दो जगह नहीं बल्कि हर दस मीटर पर यही स्थिति है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 06:15 PM (IST)
चम्‍पावत के हाईवे पर हर 10 मीटर मेंं लैंड स्लाइड, सचेत होकर करें सफर, 50 से अधिक जगह बने नए डेंजर जोन
एनएच बंद होने की जानकारी मिली तो दैनिक जागरण की टीम ग्राउंड पर पहुंचकर एनएच की स्थिति परखने गई।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : अगर आप टनकपुर से पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड पर सफर करने की सोच रहे हैं तो आपको बहुत ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। कारण कि बीते दिनों हुई बारिश से एनएच पर जगह-जगह लैंड स्लाइड हो रहा है। यह स्थिति एक दो जगह नहीं बल्कि हर दस मीटर पर यही स्थिति है। मार्ग में जगह-जगह मलवा जमा है। मार्ग क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे कार्यदायी कंपनियों को करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है। इसी को देखते हुए शनिवार को दैनिक जागरण ने स्वाला में बंद रोड तक एनएच की पड़ताल की। जिसमें देखने को मिला कि करीब 17 किमी के टुकड़े में तीन जगह रोड टूट गई तो 123 से अधिक जगह स्लाइड होने से मलवा रोड पर फैला हुआ है। संकरे मार्ग से वाहनों को गुजारा जा रहा है। एनएच में इतने हिस्से में 50 से अधिक नए डेंजर जोन भी बन गए हैं। 

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टनकपुर से पिथौरागढ़ के बीच चार पैकेज में करीब 11 सौ करोड़ की लागत से बन रही 150 किमी ऑलवेदर रोड का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। कार्यदायी कंपनियों ने कटिंग के साथ डामरीकरण का कार्य पूर्ण कर सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया है। ऐसे में मानसून उनके लिए मुसीबत बन कर सामने आ रहा है। वर्तमान में मानसून में सबसे ज्यादा दिक्कत द्वितीय पैकेज में कार्य कर रही शिवालया कंपनी को झेलनी पड़ रही है। ऊंची पहाडिय़ों के होने की वजह से विगत एक सप्ताह से हो रही बारिश ने कंपनी के कार्य को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है। जगह-जगह लैंड स्लाइड होने से एनएच विगत चार दिन से लगातार बाधित चल रहा है। दो दिन एनएच बंद होने के बाद कुछ देर खुलने के बाद फिर बंद हो जाता।

शनिवार को जब स्वाला में भूस्खलन होने से एनएच बंद होने की जानकारी मिली तो दैनिक जागरण की टीम ग्राउंड पर पहुंचकर एनएच की स्थिति परखने गई। मुडिय़ानी से स्वाला तक टीम ने एनएच का हाल देखा तो सामने आया कि बनलेख तक दस किमी के हिस्से में 26 तो बनलेख से स्वाला के बीच 90 से अधिक जगह लैंड स्लाइड हुआ। धौंन, स्वाला में तीन जगह रोड व सुरक्षा दीवार टूट गई। मलवा अधिक होने से कलमठ भी बंद हो गए। 50 से अधिक नए डेंजर जोन बन गए। जहां प्रोटेक्शन की जरूरत है। पहाडिय़ों से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

खतरे से खाली नहीं सफर : डीएम

डीएम विनीत तोमर ने कहा कि एनएच पर सफर खतरे से खाली नहीं है। इसलिए आम जनता सफर करने से पूर्व मौसम व रोड का हाल जरूर पता कर लें। जरूरी होने पर ही सफर करें। कारण कि मार्ग बंद होने के बाद एनएच पर कहीं भी रहने की व्यवस्था नहीं है। एनएच पर रात्रि में रूकना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए अपने साथ खाने पीने की वस्तुओं को साथ में लेकर चलें। ज्यादा जरूरी है तो वाया देवीधुरा मार्ग से आवागमन करें।

स्वाला में खाई में समाया होटल

पाई-पाई जोड़कर व ग्रामीण बंैक अमोड़ी से उद्योग केंद्र से पीएमईजीपी योजना के तहत पांच लाख का लोन लेकर होटल बनाकर परिवार पाल रहे खुशाल दत्त भट्ट को भी आपदा ने गहरे जख्म दिए। बीते चार दिन पूर्व जब एनएच बंद था उस दिन अत्यधिक बारिश में खुशाल का होटल भी खाई में समा गया। गनीमत रही कि उस दिन होटल में कोई रूका नहीं था। जबकि एक दिन पूर्व ही मार्ग बंद होने पर कई यात्रियों ने वहां पर रात गुजारी थी। घटना से खुशाल को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रशासन से राहत की गुहार लगाई है।

मानसून से निखरा प्राकृतिक सौंदर्य

मानसून में आई आपदा ने भले ही एनएच में कार्य कर रही कार्यदायी कंपनियों या फिर आम जन को गहरे जख्म दिए हों लेकिन बीते दिनों हुई बारिश ने प्राकृतिक सौंदर्य को बहुत निखार दिया है। चम्पावत से टनकपुर के बीच कई वाटर फॉल दिखने लगे हैं। जहां लोग रूक कर प्राकृतिक सौंदर्य व वाटर फॉल का आनंद उठा रहे हैं।


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