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बागेश्वर में मेडिकल कालेज भवन के लिए मिली भूमि, भविष्य में पहाड़ के मरीजों को मिलेगी राहत

परीगांव मे 500 नाली भूमि मेडिकल कालेज के लिए चिह्नित की गई है। जिसमें 200 नाली भूमि राज्य सरकार और 300 नाली भूमि नाप है। मेडिकल कालेज बनने से बागेश्वर जनपद के साथ ही चमोली अल्मोड़ा के द्वाराहाट चौखोटिया को भी लाभ मिलेगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 11:22 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 11:22 PM (IST)
बागेश्वर में मेडिकल कालेज भवन के लिए मिली भूमि, भविष्य में पहाड़ के मरीजों को मिलेगी राहत
डीएम ने भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने के निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: जिले में मेडिकल कालेज को लेकर जिला प्रशासन ने कदमताल शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को गरुड़ के राजस्व परीगांव में 500 नाली भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

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निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी गरुड़ आरके पांडे ने बताया कि परीगांव मे 500 नाली भूमि मेडिकल कालेज के लिए चिह्नित की गई है। जिसमें 200 नाली भूमि राज्य सरकार और 300 नाली भूमि नाप है। जनप्रतिनिधि भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, ज्येष्ठ प्रमुख बहादुर सिंह कोरंगा, क्षेत्र पंचायत सदस्य जनार्दन लोहनी, सुनील दोसाद आदि ने भूमि को उपयुक्त बताया है।

मेडिकल कालेज बनने से बागेश्वर जनपद के साथ ही चमोली, अल्मोड़ा के द्वाराहाट, चौखोटिया को भी लाभ मिलेगा। चयनित स्थान के दोनों ओर नदियां भी है। पेयजल की सुविधा भी मिल सकेगी। सड़क आदि पूर्व में बन गई है। डीएम ने भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने के निर्देश दिए। डीएम ने मेलाडुंगरी हेलीपैड का विस्तार करने के लिए भूमि का निरीक्षण भी किया।

ग्वाड़ गांव में भूस्खलन से आवासीय घरों पर खतरा

बागेश्वर: भूस्खलन से ग्वाड़ गांव के आवासीय घरों को खतरा पैदा हो गया है। सड़क कटाने के बाद विभाग सुरक्षा दीवार बनाना भूल गया। जिसके कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है। वहीं, सुरकाली गांव में खड़िया खदान क्षेत्रों का मलबा खेतों में भर गया है। पहली बारिश में भारी नुकसान से लोग भयभीत हो गए हैं। ग्वाड़ गांव के नीचे से सड़क काटी गई। लेकिन सुरक्षा दीवार नहीं लग सकी है। जिसके कारण भूस्खलन का सिलसिला तेज हो गया है। यहां पहले भी भूस्खलन हुआ है। जिसके कारण स्थानीय लोग भयभीत हैं।

स्थानीय निवासी पवन, सुंदर, दीवान, मालती ने कहा कि यदि अतिवृष्टि हुई तो खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन से सुरक्षा दीवार लगाने की मांग की है। उधर, सुरकाली गांव निवासी प्रेम सिंह सुरकाली ने कहा कि पहली बारिश ने ही तबाही मचा दी है। खड़िया खान का मलबा खेतों तक पहुंच गया है। जिससे खड़ी फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने जिलाधिकारी ने निरीक्षण कर मुआवजा देने की मांग की है।


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