पश्चिमी विक्षोभ के साथ बंगाल की नमी से भीगी उत्तराखंड की धरती, मई में सावन जैसी बारिश से विशेषज्ञ हैरान
मई में चातुर्मास जैसी बारिश से हर कोई चकित है। मौसम विज्ञानी भी इसे असामान्य मान रहे हैं। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह का कहना है कि आमतौर पर मई में ऐसी बारिश देखने को नहीं मिलती।
गणेश पांडे, हल्द्वानी। दिनभर बादलों की गड़गड़ाहट। आधे से एक घंटे झमाझम बारिश। खेत-मकान बहने तक की नौबत। तीन दिन पहले पिथौरागढ़ जिले के जाख में यही तस्वीर देखने को मिली थी। मंगलवार को गढ़वाल मंडल के टिहरी में तीन स्थानों पर बादल फटने से कई दुकानें, मकान जमींदोज हो गए।
उत्तराखंड के कई जिलों में मई में सामान्य से दो से तीन गुना तक बारिश हुई है। मई में चातुर्मास जैसी बारिश से हर कोई चकित है। मौसम विज्ञानी भी इसे असामान्य मान रहे हैं। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह का कहना है कि आमतौर पर मई में ऐसी बारिश देखने को नहीं मिलती। हालांकि अधिक बारिश को खेती, सिंचाई आदि के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है।
डा. सिंह के मुताबिक इस समय एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे। उधर, बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात बना है। जहां से पूर्वी हवा अपने साथ पर्याप्त नमी लेकर आ रही है। दोहरे सिस्टम से परिस्थितियां बारिश के अनुकूल बन गई। फिलहाल शुक्रवार से पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ने के साथ बारिश में कमी आने की संभावना है। गुरुवार को कई इलाकों में बारिश देखने को मिल सकती है।
बिना सिंचाई बुआई कर सकेंगे किसान
बारिश की वजह से मिट्टी में पर्याप्त नमी हो गई है। पशुओं के लिए चरी, ढैंचा व मक्का आदि की बुआई का समय हो चला है। ऐसे में किसान बिना सिंचाई के इसकी बुआई कर सकते हैं। बीज के जमाव के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी हो गई है। सब्जियों को भी बारिश फायदा पहुंचाएगी।
आम में घुलेगी मिठास, अंधड़ नुकसानदेह
फलों के राजा आम के लिए यह बढ़वार का समय है। ऐसे समय में बारिश होना फायदेमंद है। इससे आम में अधिक मिठास घुलेगी। हालांकि अंधड़ की वजह से फलों के गिरने का खतरा रहता है। लीची के लिए बारिश फायदेमंद है।
कुमाऊं में जिलेवार बारिश (मिमी में)
जिला सामान्य वास्तविक
नैनीताल 25.4 37.1
बागेश्वर 20.6 77.5
यूएसनगर 10.0 27.7
चम्पावत 16.9 46.3
अल्मोड़ा 20.6 39.7
पिथौरागढ़ 31.8 68.9
उत्तराखंड 23.8 50.9
(नोट: आंकड़े एक से 12 मई के हैं।)
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