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सितंबर-अक्टूबर में होंगी कुमाऊं विश्वविद्यालय की वार्षिक पद्धति व सेम सेमेस्टर की परीक्षाएं

संकायाध्यक्षों की बैठक एवं परीक्षा समिति बैठक में विषम सेमेस्टरों के परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने के संबंध में तय मानकों पर विद्या परिषद की बैठक में मुहर लगाई गई। बैठक में तय किया गया कि विषम सेमेेस्टर परीक्षाओं से संबंधित परीक्षार्थियों का परीक्षाफल मानकों के अनुसार तय किया जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 07:29 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 07:29 AM (IST)
सितंबर-अक्टूबर में होंगी कुमाऊं विश्वविद्यालय की वार्षिक पद्धति व सेम सेमेस्टर की परीक्षाएं
विवि में बीटेक पाठ्यक्रम आरंभ करने का निर्णय लिया गया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल: कुमाऊं विवि में कोविड काल की परिस्थितियों को देखते हुए स्नातक, स्नातकोत्तर, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के विषम सेमेस्टरों के छात्रों के लिए रोजगारपरक ऐड ऑन कोर्स व वेल्यूू एडेड कोर्स आरम्भ करने हेतु विचार किया गया। संकायाध्यक्षों की बैठक एवं परीक्षा समिति बैठक में विषम सेमेस्टरों के परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने के संबंध में तय मानकों पर विद्या परिषद की बैठक में मुहर लगाई गई।

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शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो एनके जोशी की अध्यक्षता में विद्या परिषद की बैठक में कहा गया कि विवि इस बारा गुणवत्तापरक शिक्षा पर शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का विस्तार करेगा एवं नए शैक्षणिक केंद्रों व विभागों का सृजन करेगा। विवि में बीटेक पाठ्यक्रम आरंभ करने का निर्णय लिया गया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिलने ही बीएएलएलबी कोर्स भी डॉ राजेंद्र प्रसाद लॉ कॉलेज में आरम्भ कर दिया जायेगा। प्रस्तावित नैक ग्रेडिंग की तैयारियों के लिए समिति का गठन किया जा रहा है।

बैठक में तय किया गया कि 18 मार्च से स्थगित विवि की विषम सेमेेस्टर परीक्षाओं से संबंधित परीक्षार्थियों का परीक्षाफल निम्न मानकों के अनुसार तय किया जाएगा। निम्नांकित मानकों के अनुरूप परीक्षाफल घोषित किया जायेगा-

-प्रथम सेमेस्टर को छोड़ अंतरिम विषम सेमेस्टर में जिन विद्यार्थियों द्वारा कतिपय विषयों-प्रश्नपत्रों की लिखित परीक्षायें दी हैं, उन्हें विद्यार्थियों द्वारा बाह्य लिखित परीक्षा में मूल्यांकन के उपरान्त अर्जित अंक ही यथावत् प्रदान किये जायेंगे।

-आन्तरिक मूल्यांकन में अर्जित अंकों को भी यथावत् प्रदान किया जायेगा।

-ऐसे पाठ्यक्रमों जिनमें प्रयोगात्मक- मौखिकी परीक्षाएं हो चुकी हैं, में भी परीक्षार्थी द्वारा अर्जित अंकों को यथावत प्रदान किया जायेगा।

-जिन विषयों की परीक्षाएं नहीं हुई है, उनके मानकों के अनुसार 50 प्रतिशत अधिमान अंक आंतरिक मूल्यांकन में अर्जित अंकों के आधार पर, 50 प्रतिशत पूर्व सेमेस्टरों में अर्जित कुल अंकों के योग के आधार दिए जाएंगे।

-ऐसे प्रश्नपत्र जिनकी प्रायोगिक, मौखिक परीक्षाएं नहीं हुई, ऐसे विषय की सेमेस्टरों में प्रयोगात्मक प्रायोगिकी-मौखिकी परीक्षा में अर्जित अंकों के औसत के आधार पर अंक प्रदान किये जायेंगे।

-ऐसे परीक्षार्थी, जो अपने अंतरिम विषम सेमेस्टर में किसी विषय प्रश्नपत्र में त्तीर्ण करने हेतु बैक परीक्षा आवेदन पत्र भरा तथा विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे समस्त परीक्षार्थियों के विषय प्रश्नपत्र की परीक्षा दिनांक 17 अप्रैल तक तक कराई जा चुकी है, उस विषय- प्रश्नपत्र में विवि द्वारा मूल्यांकन के उपरान्त परीक्षार्थी द्वारा अर्जित अंकों को ही प्रदान किया जायेगा।

-प्रथम सेमेस्टर में अध्ययनरत जिन विद्यार्थियों द्वारा कतिपय विषयों-प्रश्नपत्रों की लिखित परीक्षा दी गयी हैं, ऐसे विषयों-प्रश्नपत्रों में विद्यार्थियों द्वारा बाह्य लिखित परीक्षा में मूल्यांकन में अर्जित अंक ही प्रदान किये जायेंगे।

- मौखिकी परीक्षा के अर्जित अंकों को यथावत प्रदान किया जायेगा।

-जिन विषयों की परीक्षा कोविड की वजह से नहीं हो पाई, ऐसे छात्रों को 50 प्रतिशत अधिमान अंक आंतरिक मूल्यांकन में अर्जित अंकों के आधार पर, 30 प्रतिशत अधिमान अंक वर्तमान सेमेस्टर की लिखित परीक्षाओं में अर्जित अंकों के योग के आधार पर, 20 प्रतिशत पूर्व उत्तीर्ण परीक्षा स्नातक हेतु इंटर एवं स्नातकोत्तर हेतु स्नातक परीक्षा अंक देय होंगे।

-यदि किन्हीं परीक्षार्थियों द्वारा वर्तमान विषम सेमेस्टर की कोई भी परीक्षा नहीं दी गयी है, तो ऐसे परीक्षार्थियों का उपरोक्त 30 प्रतिशत अधिमान अंक उस परिसर-महाविद्यालय संस्थान के सम्बन्धित कक्षा के लिखित परीक्षाओं के अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाएंगे।

-व्यावसायिक पाठ्य्क्रम में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थियों, जिनके द्वारा यदि वर्तमान विषम सेमेस्टर की कोई भी परीक्षा नहीं दी गयी है तो ऐसे परीक्षार्थियों का उपरोक्त 30 प्रतिशत अधिमान हेतु एक अतिरिक्त आंतरिक मूल्यांकन ऑनलाईन माध्यम से पूर्ण कराकर उसके आधार पर अंक आवंटित किये जायेंगे।

-ऐसे पाठ्यक्रम जो कि किसी नियामक संस्था से संचालित होते हैं, ऐसे समस्त पाठ्यक्रमों की परीक्षा व परीक्षाफल के संबंध में के संबंधित नियामक संस्था के निर्धारित नियम प्रभावी होंगे। जिन छात्रों ने आवेदन भरा है, उन्हीं का परीक्षाफल तय मानकों के अनुसार घोषित किया जाएगा।

- विश्वविद्यालय की वार्षिक पद्धति की परीक्षाओं को माह सितम्बर-अक्टूबर में होंंगी। यूजी, पीजी व व्यावसायिक कोर्स सम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर-अक्टूबर में होंगी।


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