कुमाऊं विश्वविद्यालय की गणित की पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम व साक्षात्कार रद
शिकायतकर्ता का कहना था गणित विषय की पूर्व संयोजक के कुछ छात्रों के साथ पारिवारिक रिश्ते हैं। इस वजह से परीक्षा में बैठे छात्रों को पहले ही उत्तरकुंजी मुहैया करा दी गई थी। ऐसे में इन छात्रों के अंक 90 फीसद से अधिक आए।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि की गणित विषय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा व परीक्षा परिणाम निरस्त कर दिया गया है। कुलपति ने परीक्षा मूल्यांकन में गड़बड़ी के आरोपों की विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई जांच रिपोर्ट, विवि की गरिमा व छात्रहितों को देखते हुए यह निर्णय लिया है। जागरण ने परीक्षा में हुई धांधली को प्रमुख रूप से प्रकाशित किया था।
दरअसल, पीएचडी प्रवेश परीक्षा के मूल्यांकन में गड़बड़ी को लेकर एनएसयूआइ के अलावा एक अभ्यर्थी ने लिखित शिकायत की थी। 21 दिसंबर को डीआइसी निदेशक की ओर से विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि 23 दिसंबर को गणित विषय के साक्षात्कार अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिए गए हैं। मामले में कुलपति प्रो. एनके जोशी ने अल्मोड़ा परिसर के विधि विभाग के प्रो. एसडी शर्मा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। 29 दिसंबर को जांच कमेटी के सामने अल्मोड़ा गणित विभाग की प्रो. जया उप्रेती से बयान लिए गए। साथ ही शिकायतकर्ता का पक्ष भी लिया गया। शिकायतकर्ता का कहना था गणित विषय की पूर्व संयोजक के कुछ छात्रों के साथ पारिवारिक रिश्ते हैं। इस वजह से परीक्षा में बैठे छात्रों को पहले ही उत्तरकुंजी मुहैया करा दी गई थी। ऐसे में इन छात्रों के अंक 90 फीसद से अधिक आए। गणित की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में 129 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। कुल सीटों की संख्या मात्र पांच थी।
गुरुवार को डीआइसी निदेशक प्रो. संजय पंत के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कुलपति की ओर से गठित जांच कमेटी की अनुशंसा, निष्पक्षता आदि को देखते हुए गणित विषय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा व इसका परिणाम निरस्त कर दिया गया है। कुलपति ने कहा कि विवि की गरिमा व साख बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था। माना जा रहा है कि अब गणित विषय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा जल्द होने के बजाय छह माह में अन्य विषयों के साथ ही होगी। बहरहाल, प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी साबित होने से विवि की साख को बड़ा धक्का लगा है। अब गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है, यह देखना बाकी है।