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कुमाऊं विवि : पीएचडी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा अब 80 और साक्षात्कार 20 अंक के

कुमाऊं विवि ने शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बुधवार को कई फैसले लिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:40 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:40 PM (IST)
कुमाऊं विवि : पीएचडी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा अब 80 और साक्षात्कार 20 अंक के
कुमाऊं विवि : पीएचडी में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा अब 80 और साक्षात्कार 20 अंक के

जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि ने शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बुधवार को कई फैसले लिए। इसके मुताबिक, पीएचडी में प्रवेश के लिए अब लिखित परीक्षा के 80 व साक्षात्कार के 20 अंक होंगे। अभी तक इसके क्रमश: 70 व 30 अंक निर्धारित थे। नया नियम अगले साल से लागू होगा।

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लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थी ही साक्षात्कार में शामिल हो सकेगा।

बुधवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में हुई शोध सलाहकार समिति की बैठक में इन फैसलों पर मुहर लगाई गई। तय किया गया कि शोध में बेहतर काम करने वाले कुमाऊं विवि के शोधार्थी सम्मानित भी होंगे। पीएचडी व डीएससी एक विषय में एक अभ्यर्थी द्वारा एक बार ही की जा सकेगी। दूसरी बार के लिए पीजी विषय से परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। प्रोजेक्ट वाले शोध निर्देशकों को फील्ड व शोध कार्य के लिए कुलपति 20 दिन का अतिरिक्त कार्यावकाश भी दे सकेंगे। प्रत्येक विभाग अनिवार्य रूप से वर्ष में एक बार शोध समिति की बैठक आयोजित करेगे। हर प्राध्यापक को साल में एक शोध पत्र कराना होगा प्रकाशित

बैठक में ये भी तय हुआ कि अब विवि के हर प्राध्यापक को साल में एक शोध पत्र यूजीसी लिस्टेड जर्नल में प्रकाशित करना होगा। उच्च गुणवत्ता युक्त शोध के लिए शोध निर्देशकों को पेटेंट के लिए आवेदन भी करना होगा। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष प्राध्यापकों को कम से कम एक अनुदान एजेंसी को अनुदान के लिए शोध प्रस्ताव भी जमा करना आवश्यक होगा। केंद्रीय प्रयोगशाला निर्माण पर सहमति

बैठक में केंद्रीय प्रयोगशाला निर्माण की सैंद्धातिक सहमति भी दी गई, जहा विभिन्न विषयों के शोधार्थी आवश्यक शुल्क जमाकर अपने सैंपल का विश्लेषण करा सकेंगे। इस प्रस्ताव के लिए धनराशि रूसा और 10 लाख रुपये की धनराशि शोध खाते से दी जाएगी। आरडीसी (रिसर्च डेवलेपमेंट कमेटी) में अनुपस्थित को प्री पीएचडी कोर्स पूरा करने को एक वर्ष की छूट होगी। एक साल बाद प्री पीएचडी निरस्त मानी जाएगी। अल्मोडा विवि की स्थापना के पश्चात सभी पंजीकृत शोधार्थियों के प्री पीएचडी सेमिनार, मौखिक परीक्षा डीएसबी व भीमताल परिसर में होंगे। अल्मोड़ा में केवल शिक्षा संकाय, विधि संकाय एवं मनोविज्ञान से संबंधित शोधार्थियों की मौखिक परीक्षा ही होगी। बैठक में ये रहे मौजूद

कुलसचिव केआर भट्ट, वित्त अधिकारी एलआर आर्य, डीएसबी परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी, कार्यपरिषद सदस्य अरविंद पडियार, प्रकाश पांडे, कैलाश जोशी, निदेशक शोध प्रो. ललित तिवारी, प्रो. अतुल जोशी, प्रो. एससी सती, प्रो. राजीव उपाध्याय, प्रो. विजया रानी ढौंडियाल, प्रो. संजय पंत, प्रो. आशीष तिवारी, प्रो. एमएस मावड़ी, प्रो. आरसी जोशी आदि।


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