उत्तराखंड के जंगलों में पहली बार मेटिंग करते देखा गया किंग कोबरा
उत्तराखंड के जंगलों में पहली बार दुनिया का सबसे जहरीला सांप कहे जाने वाला किंग कोबरा मेटिंग करता हुआ कैमरे में कैद हुआ है। वन विभाग के एक जेआरएफ ने इसकी कई फोटो खींची है। वन अनुसंधान लंबे समय से किंग कोबरा पर रिसर्च कर रहा है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड के जंगलों में पहली बार दुनिया का सबसे जहरीला सांप कहे जाने वाला किंग कोबरा मेटिंग करता हुआ कैमरे में कैद हुआ है। वन विभाग के एक जेआरएफ ने इसकी कई फोटो खींची है। वन अनुसंधान लंबे समय से किंग कोबरा पर रिसर्च कर रहा है। यह फोटो उसके शोध में काम आएगी।
प्रदेश में किंग कोबरा मैदानी जंगल कार्बेट से लेकर पहाड़ तक में पाया जाता है। पारिस्थतिक तंत्र व भोजन श्रृंखला में अहम योगदान होने की वजह से तीन मुख्य बिंदुओं पर शोध किया जा रहा है। जैसे किंग कोबरा का बेहतर वास किन जंगलों में हैै, उसे किस चीज से खतरा है। और संरक्षण को क्या नीति बनाई जाए। इस प्रोजेक्ट में काम करने के दौरान ही जेआरएफ को मेटिंग करते हुए कोबरा नजर आ गया।
उत्तराखंड में सांपों की कई प्रजातियां मिलती हैं। इनमें सबसे जहरीला किंग कोबरा है। चीन सीमा से लगे मुनस्यारी और पिथौरागढ़ में भी इसकी मौजूदगी मिली है, लेकिन नैनीताल जिले में संख्या ज्यादा है। इस वजह से वन अनुसंधान केंद्र शोध में जुटा है। वन विभाग इसे पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा मानता है।
वाइपर व करैत मुख्य आहार
कोबरा, वाइपर और करैत जैसे जहरीले सांपों को देख लोगों का पसीना छूटने लगता है। लेकिन किंग कोबरा का मुख्य आहार यही है। कभी-कभार किंग कोबरा गौह यानी लीजर्ड को भी निवाला बनाता है।
वनाग्नि कंट्रोल होने से मिली राहत
अप्रैल मध्य तक जंगलों में आग लगने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा था। जंगल के अन्य वन्सजीवों की तरह किंग कोबरा को भी इससे खतरा पैदा हो गया था। क्योंकि, मार्च से मई तक मेटिंग सीजन होता है। हालांकि, आग की घटनाओं में कमी आने व मौसम के साथ देने से विभाग को राहत मिली। किंग कोबरा के घोंसले महफूज रहे।
आठ सप्ताह तक अंडे सेकती मादा
वन विभाग के मुताबिक अंडे देने के बाद मादा किंग कोबरा छह से आठ सप्ताह तक उन्हें सेकती भी है। किंग कोबरा सांपों की एक मात्र प्रजाति है जो घोंसला बनाकर रहता है। पिरूल या घास-फूस से बना घोंसला देखने में गुंबदनुमा आकार का होता है।
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