Swachh Survekshan 2020 : 169 अंकों की उछाल के साथ 139वें स्थाना पर पहुंचा काशीपुर, प्रदेश में एक अंक खिसका
स्वच्छता सर्वेक्षण के राष्ट्रीय पायदान पर काशीपुर पिछले वर्ष की 308 की तुलना में लंबी उछाल लेकर 139वें स्थान पर काबिज हुआ है।
काशीपुर, जेएनएन : स्वच्छता सर्वेक्षण के राष्ट्रीय पायदान पर काशीपुर पिछले वर्ष की 308 की तुलना में लंबी उछाल लेकर 139वें स्थान पर काबिज हुआ है। जबकि राज्य में काशीपुर का देहरादून और रुढ़की के बाद तीसरा स्थान है। वहींं रुद्रपुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 87 अंकों की छलांग लगाते हुए 316वें स्थान पर पहुंच गया है।
नगर निगम काशीपुर काे देश में 139 वां स्थान हासिल करना जनसहयोग और अभियानों का सामूहिक परिणाम है। कई ऐसे मुद्दे रहे जो मिशन बन गए और उन पर काम होता रहा। हालात बदलते रहे और शहर इस पायदान पर पहुंचा। इस बार जनसहयोग भी खूब मिला। जिसमें सीनियर सिटीजन ने अहम रोल निभाया है। निगम का दायरा बढ़ना भी एक चुनौती की तरह था। लेकिन चुनौतियों से पार पाया गया। पिछली बार काशीपुर की 308 वीं रैंक थी। जबकि इस बार 169 अंकों की उछाल के साथ 139वें स्थाना पर पहुंच गया है।
नगर पालिका के बाद जब काशीपुर नगर निगम बना तो उम्मीदें भी काफी बढ़ गई थीं। खासतौर पर स्वच्छता के मामले में चुनौती थी। फिर 20 वार्ड से बढ़कर निगम का दायरा 40 हो गया। इस कसौटी को भी निगम को पार करना था। आबादी के मामले में काशीपुर की संख्या एक लाख पिचत्तर आठ सौ उन्नीस है। इस आबादी के साथ निगम ने तालमेल बैठाने का सफर शुरू किया। इस बीच विकास के लिए निर्माण कराना और फिर सामग्री का इंतजाम कराना भी काफी मुश्किल रहा। शुरुआती दौर में निगम को तमाम तकलीफों से गुजरना पड़ा। जब स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार जहां 308 वीं रैंक पाई वहीं से उस चिंगारी को हवा लगी और निगम प्रशासन ने खुद को मजबूत बनाते हुए हर तरह के प्रयासकिए बेहतर रैंक से नवाजा जा सके। सभी प्रयास सफल हुए । उसी का नतीजा है कि देश में तीसरे रैंक पर काशीपुर ने अपना नाम दर्ज कराया है।
यह रहे कामयाबी के मूल मंत्र
- स्वच्छता के साथ जनता की रायशुमारी
- गंदगी को दूर टायलेट हाजेनिक बनाए
- वेंडिंग मशीने लगाकर महिलाओं का थामा हाथ
- घर-घर स्वच्छता जागरूकता के टैंपो में आजाद स्वच्छता के नारे
- डोर टू डोर और मोहल्लों में डस्टबिन वितरण का काम
- जगह-जगह स्ट्रीट लाइटें लगाने के साथ एलइडी हाइमास्क
- स्वच्छता में सीनियर सिटीजन का फीडबैक
- चार पार्कों के सुंदरीकरण कराकर हर मन में स्वच्छता का की अलख जगाई।
- कंपोस्टर मशीन-पॉलीथिन को कंपोस्ट करने के लिए लगाई जाएगी
- सात मंजिला इमारत और पार्किंग स्थल बनेगा
प्रदेश रैकिंग में पिछड़ने की वजह
प्रदेश में पिछले वर्ष काशीपुर दूसरे पायदान पर था लेकिन इस वर्ष तीसरे पायदान पर आना सभी को हैरत में डाल रहा है। अधिकारियों की माने तो रोडवेज बस स्टेशन के शौचालय की वजह से रैकिंग में गिरावट आई। काशीपुर अंत समय तक दूसरे पायदान पर चल रहा था लेकिन बस स्टेशन के शौचालय के खराब नंबर ने रैकिंग पर असर डाला। बस स्टेशन का शौचालय परिवहन विभाग के अंतर्गत आता है जिसके लिए कई बार निगम के तरफ से इसे हस्तांतरित करने के लिए पत्र लिखा गया। लेकिन परिवहन विभाग तैयार नहीं हुआ। यही कारण रहा है कि इस शौचालय का मेटिनेंस भी निगम की तरफ से नहीं हो सका। अंत में यही वजह निगम की रैकिंग पर भारी पड़ गई।
पिछली बार कहां रही कमी
नगर निगम आज जिस पायदान पर हैं शायद यह उससे भी बेहतर परिणाम आते, लेकिन इसमें कमी सिर्फ यहां रह गई कि 20 वार्डों के साथ 20 और बढ़ गए थे। ऐसे में उस रणनीति को मजबूत करने के लिए कोशिशे हुईं। जिस वजह से पिछली बार की रैकिंग में कमी आ गई, मगर अब निगम का बेहतर प्रदर्शन काम कर गया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मेयर ऊषा चौधरी ने बताया कि काशीपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाई है। यह सफलता आम लोगों के सहयोग और निगम कर्मियों के मेहनत का फल है। प्रदेश स्तर पर सूची में आगे हम पहला स्थान पर पहुंचने का प्रयास करेंगे। गौरव सिंघल, नगर आयुक्त, काशीपुर का कहना है कि कि बिना जनता के सहयोग से यह सफलता हासिल नहीं की जा सकती थी। निगम आगे भी संसाधनों को बढ़ाने पर जोर देते हुए प्रत्येक वार्ड में में स्वच्छता के नए मानक स्थापित करने का प्रयास जारी रखेगा।
स्वच्छता की रैंकिंग में रुद्रपुर ने लगाई 87 अंक की छलांग
सफाई में बेहतर कार्य करने से रुद्रपुर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 87 अंकों की छलांग लगाते हुए 316वें स्थान पर पहुंच गया है। यदि गीला व सूखा कूड़ों का निस्तारण और जनवरी से पहले ट्रोमल कंवेयर से कूड़ा उठाने का काम शुरु हुआ होता तो सौ से ज्यादा अंक और मिलते हैं। इससे रैंकिंग में और सुधार होता। पिछले साल रुद्रपुर की 403वीं रैंकिंग थी। नगर निगम ने जिनके घर में शौचालय नहीं थे, उनके यहां शौचालय बनाए। सार्वजिनक शौचालय बनाए गए। घर-घर कूड़ा उठाने के साथ लोगों को सफाई के प्रति जागरुक किया गया। डिवाइरों पर फूलदार पौधे लगाए गए। 25 सरकारी कालोनियों में कंपोस्ट खाद बनाने के लिए पिट बनाए गए। नगर आयुक्त जय भारत सिंह ने बताया कि शहर को सुंदर बनाने के लिए हर स्तर पर काफी प्रयास किए गए हैं। जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण हुआ था। इसके बाद किच्छा रोड स्थित मोहल्ला पहाड़गंज में डंप कूड़ों को उठाने का काम ट्रोमल कन्वेयर से शुरु हुआ। जैविक खाद बनाने का प्लांट सवेक्षण के बाद शुरु हुआ। यदि समय से प्लांट शुरु हुआ होता तो रैंकिंग में और सुधार होता। हालांकि इसका लाभ अगले साल रैंकिंग में मिलेगा।