रानीखेत की ज्योति बनी राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष, राज्य मंत्री का दर्जा भी मिला
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य महिला आयोग में रानीखेत की ज्योति साह मिश्रा को उपाध्यक्ष बनाया है। साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। आयोग में तीन पद अरसे से रिक्त चले आ रहे थे।
रानीखेत, जेएनएन : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य महिला आयोग में रानीखेत की ज्योति साह मिश्रा को उपाध्यक्ष बनाया है। साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। आयोग में तीन पद अरसे से रिक्त चले आ रहे थे। इधर अल्मोड़ा जनपद से ज्योति को आयोग में जगह दिए जाने से भाजपाइयों का उत्साह बढ़ा है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंगलवार को बातचीत में नवनियुक्त आयोग उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि महिला अधिकारों के संरक्षण व अधिकारों के लिए कार्य किया जाएगा। कहा कि पहाड़ ही नहीं मैदानी क्षेत्रों में भी महिला हिंसा की घटनाएं आम हैं। जागरूकता व शिक्षा का अभाव होने से महिलाएं अधिकारों से अनजान हैं। उन्हें जागरूक करना प्राथमिकता रहेगी। गांव खासतौर पर पिछड़े क्षेत्रों में शिविर लगाए जाएंगे।
महिला साक्षरता दर बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबी, पिछड़ेपन की मार से अधिसंख्य महिलाएं 40 वर्ष में ही बूढ़ी दिखने लगती हैं। यह एक किस्म का कुपोषण ही है। यही वजह है कि तमाम महिलाओं की असमय मृत्यु हो जाती है। वह सुपोषण को राज्य सरकार की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुंचाने को गंभीर प्रयास करेंगी।
बनेगी विशेष कार्ययोजना
महिला अपराधों की रोकथाम को विशेष कार्ययोजना बनाने की वकालत करते हुए ज्योति ने कहा कि बेशक पुलिस महिला सेल गठित हैं। मगर अब भी महिलाएं वहां तक शिकायत करने नहीं पहुंचती। ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा जो महिलाओं में विश्वास जगा उनमें शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत दे सके। इससे उन्हें त्वरित न्याय भी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों के लिए कार्य कर रहे विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को एक मंच पर लाने की जरूरत है।
ये हैं उपलब्धियां
कुमाऊं विवि से एमए, शिक्षा विशारद व डीएलएड ज्योति साह मिश्रा 1983 से भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं। राज्य आंदोलन में भी सक्रिय रहीं। 1999 में नैनी डडगलिया क्षेत्र पंचायत से निर्विरोध सदस्य चुनी गईं। वर्ष 2004 से 07 तक जिला महामंत्री महिला मोर्चा। 2010 तक कुमाऊं संयोजक। 2013 से 19 तक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य। 2005 से 2017 तक वनपंचायत डडगलिया सरपंच रहीं। गरीब, पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए मजखाली में स्कूल खोला। पर्यावरण संरक्षण के साथ वर्ष 2010 में नाचनी व 2013 में मुनस्यारी व इसी वर्ष देवाल चमोली में आपदा प्रभावितों के लिए राहत कार्य किया। वर्ष 2014 में रौलाखरक गांव में गरीब व अल्पसंख्यक मुस्लिम वर्ग के हित में सड़क, बिजली व पेयजल आदि उपलब्ध कराए।