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Coronavirus Lockdown : फिर खोला गया झूलापुल, नेपाल जाने के लिए लगी लंबी कतार

भारत और नेपाल में फंसे लोगों को अपने-अपने देश जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय झूलापुल लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी खोला गया। पुल खुलने से नेपाल में फंसे भारतीयों का आगमन शुरू हो गया

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 03:37 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 03:37 PM (IST)
Coronavirus Lockdown :  फिर खोला गया झूलापुल, नेपाल जाने के लिए लगी लंबी कतार
Coronavirus Lockdown : फिर खोला गया झूलापुल, नेपाल जाने के लिए लगी लंबी कतार

पिथौरागढ़, जेएनएन : भारत और नेपाल में फंसे लोगों को अपने-अपने देश जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय झूलापुल लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी खोला गया। पुल खुलने से नेपाल में फंसे भारतीयों का आगमन शुरू हो गया है। करीब एक दर्जन भारतीय अपने देश लौटे। वहीं अब नेपाली नागरिकों के जाने का सिल सिला तेज हो गया है। वतन लौटने के लिए नेपाली नागरिकों की लंबी लाइन लगी है। उनके जाने के बद पुल पुन: बंद कर दिया जाएगा। बता दों कि दोनों देशों में 31 मई तक लॉकडाउन जारी है। जिस कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है।  

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लॉकडाउन के कारण दोनों देशों में नागरिक फंसे हैं। गुरुवार को झूलापुल खुलने पर 115 भारतीय 90 पशुओं के साथ भारत लौटे थे । इसी के साथ नेपाल के छांगरु और टिंकर के भारत के रास्ते माइग्रेशन करने वाले 151 ग्रामीण अपने 121 जानवरों के साथ भारत आए। ग्रामीण अब भारत के रास्ते अपने गावों के लिए माइग्रेशन करेंगे। वहीं भारत में फंसे 225 नेपाली नागरिक नेपाल लौटे थे। जिसके बाद तीन बजे पुल बन्द कर दिया गया था। पुल भारत और नेपाल के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर दोनों देशों के प्रशासन के निर्देश पर खोला गया है। 

टनकपुर में 476 नेपालियों को किया गया क्वारंटाइन 

लिपुलेख सड़क निर्माण के बाद भारत के साथ नेपाल अपने रिश्तों को खराब करने वाली हरकतें लगातार कर रहा है। लेकिन भारत अभी भी नेपाली नागरिकों के साथ खड़ा है। कोरोना महामारी के चलते नेपाल प्रशासन द्वारा भारत में प्रवास करने वाले लोगों को अपने वतन नहीं आने दिया जा रहा है। इस स्थिति में भारत के विभिन्न शहरों से आए 476 प्रवासी नेपाली नागरिकों को टनकपुर में क्वारंटाइन किया गया है। कोतवाल धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि इन सभी लोगो को जीजीआईसी, शिशु मंदिर, सेंट फ्रासिंस व अन्य जगहों पर क्वारंटाइन किया गया है। इधर तहसीलदार खुशबू पांडेय ने बताया कि नेपाल सरकार जब तक इनको अपने वतन नहीं आने देती तब तक इनके रहने और खाने कि व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी।

यूएस नगर में फंसे हैं करीब 350 नेपाली नागरिक

ऊधमसिंह नगर में करीब 350 लोग फंसे हैं। पहले इन लोगों को 14 दिन संस्थागत क्वारंटाइन के बाद दोबारा 14 दिन राहत शिविर में रखा गया। इसके बाद जांच में पूरी तरह से स्वस्थ पाए जाने पर इन लोगों को वापस वतन भेजने को नेपाल सरकार से यहां के प्रशासन ने बात की। पर कोई जवाब नहीं मिला। खुद की सरकार के रवैये से नेपाल के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वह घर कैसे पहुंचे। इसके अलावा ऐसे स्वस्थ हो चुके लोगों को काम मुहैया करा रही है पर नेपाली काम करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में यह प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। इन पर जो खर्च हो रहा है उतने में सैकड़ों जरूरतमंदों की सहायता हो सकती है।

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