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जीतपुर नेगी को निगम में किया जाएगा शामिल, शहरी विकास मंत्री भगत ने मौके पर दिए अफसरों को निर्देश

अब शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने मंगलवार को क्षेत्र में पहुंच अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि इलाके को नगर निगम में शामिल किया जाएं। मंत्री के आदेश पर अधिकारी भी हरकत में आए। निरीक्षण के तुरंत बाद निगम कार्यालय में मामले को लेकर बैठक भी हुई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 06:39 PM (IST)
जीतपुर नेगी को निगम में किया जाएगा शामिल, शहरी विकास मंत्री भगत ने मौके पर दिए अफसरों को निर्देश
अब ग्रामीणों से आवेदन लेकर शासन को भेजे जाएंगे।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : तीन साल पहले नगर निगम का परिसीमन होने पर जीतपुर नेगी कॉलोनी क्षेत्र के 300 परिवार गांव से बाहर तो हो गए। लेकिन वनभूमि विवाद की वजह से शहर का हिस्सा भी नहीं बन सके थे। वहीं, अब शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने मंगलवार को क्षेत्र में पहुंच अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि इलाके को नगर निगम में शामिल किया जाएं। मंत्री के आदेश पर अधिकारी भी हरकत में आए। निरीक्षण के तुरंत बाद निगम कार्यालय में मामले को लेकर बैठक भी हुई। अब ग्रामीणों से आवेदन लेकर शासन को भेजे जाएंगे।

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साल 2018 में नगर निगम का परिसीमन कर कालाढूंगी विधानसभा के कई गांवों में इसमें जोड़ा गया था। जीतपुर नेगी गांव व कॉलोनी का क्षेत्र तब बैड़ापोखरा ग्राम पंचायत का हिस्सा था। लेकिन परिसीमन के इलाके को छोड़ दिया गया। वन विभाग ने तब इस जमीन को फॉरेस्ट लैंड बताते हुए आपत्ति जता दी थी। दरअसल, 65 साल पहले 1956 में महकमे ने 29 परिवारों को यहां जमीन आवंटित की थी। वर्तमान में यहां 300 परिवार रहते हैं। नगर निगम का दायरा बढऩे पर जीतपुर नेगी इलाका वार्ड 56 का हिस्सा हो गया। मगर कॉलोनी व उससे सटे इलाके को पंचायत से बाहर करने के साथ ही निगम में भी शामिल नहीं किया गया। ऐसे में पिछले तीन साल से लोग खुद को निगम में शामिल करने की मांग कर रहे थे। इसके लिए धरना-प्रदर्शन तक किए गए। |

वहीं, मंगलवार को शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने लोगों के बीच पहुंच पहले उनकी समस्याएं सुनी। इसके बाद राजस्व विभाग, नगर निगम, ग्राम्य विकास व वन विभाग के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण व सर्वे कर जीतपुर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बिजली पोल लगाने के लिए प्रस्ताव बनाने को भी कहा। इस दौरान मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला, नगर आयुक्त डा. सीएस मर्तोलिया, एसडीएम विवेक राय, एसडीओ ध्रुव मर्तोलिया, तहसीलदार नितेश डागर, बीडीओ डा. निर्मला जोशी, सहायक नगर आयुक्त विजेन्द्र चैहान, रेंजर उमेश चंद्र, पूर्व प्रधान मोहन नेगी, सुरेश उनियाल, कमल नयन जोशी आदि मौजूद थे।

प्रमाणपत्र की दिक्कत होगी दूर

पंचायत व नगर निगम दोनों की परिधि से बाहर होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए ब्लाक व नगर निगम दोनों के चक्कर लगाने के बाद खाली हाथ लौटना पड़ता था। समस्या के समाधान के लिए कैबिनेट मंत्री भगत ने एसडीएम व बीडीओ को निर्देश दिए कि प्रमाण-पत्र बनाने के लिए हर सोमवार को पंचायत भवन में पटवारी व सेकेट्री को बैठेंगे।

चुनावी चिंता ने दिलाई याद-शर्मा

कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि वोटों की राजनीति के लिए पूर्व में बंशीधर भगत ने इस इलाके को पंचायत व निगम से बाहर किया था। जिसके बाद धरना-प्रदर्शन और अन्य माध्यमों से ग्रामीणों की इस मांग को कई बार उठाया। यहां तक की क्षेत्र को गांव या निगम में शामिल कराने की शर्त पर लोगों ने भाजपा की सदस्यता भी ली। मगर फिर पुराने हाल पर छोड़ दिया गया। अब महज चुनावी चिंता में जीतपुर नेगी की याद आई है। इसलिए कोरे आश्वासन की जगह मामले को लेकर कैबिनेट लेकर आना चाहिए।

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