जापानी इंसेफ्लाइटिस ने दी तराई में दस्तक, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
गर्मी चरम पर हैं और इसके साथ ही बढऩे लगा है जापानी इंसेफ्लाइटिस का खतरा। लालकुआं में इस बीमारी का मरीज सामने आ चुका है।
हल्द्वानी, जेएनएन : गर्मी चरम पर हैं और इसके साथ ही बढऩे लगा है जापानी इंसेफ्लाइटिस का खतरा। लालकुआं में इस बीमारी का मरीज सामने आ चुका है। एसटीएच में इलाज भी चला और अब डिस्चार्ज कर दिया है। मरीज की जांच में बीमारी की पुष्टि भी हो गई थी। बारिश से पहले ही इस तरह के मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। लोगों को जागरूक रहने के लिए अभियान चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. डीसी पंत का कहना है कि इस वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
ये है जापानी इंसेफ्लाइटिस
जापानी इंसेफ्लाइटिस दिमागी बुखार है जो एक जापानीज इंसेफ्लाइटिस वायरस से होता है। यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है जो वायरस क्यूलेक्स विश्नई मच्छर के काटने से होती है। चिकित्सकों के मुताबिक सिर में दर्द, सुस्ती, बेहोशी आना और कई बार मरीज की मौत हो जाती है। नंदकिशोर कांडपाल, संक्रामक रोग विश्लेषक का कहना है कि वातावरण में फैले वायरस मार्च, अप्रैल और मई में अधिक अटैक करते हैं। जेई का का यह वायरस लालकुआं में अटैक कर चुका है। जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई। अब वायरस न फैले, इसके लिए लोगों को भी जागरूक किया रहा है।
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