सिंचाई विभाग से हस्तांतरित नलकूपों में सुरक्षा उपकरण लगाएगा जलसंस्थान
सिंचाई विभाग हस्तांतरित किए गए 15 नलकूपों में सुरक्षा उपकरण लगाने की शासन ने अनुमति दे दी है। इसके लिए 2.59 करोड़ रुपए की भी शासन ने स्वीकृति दी है। जलसंस्थान जल्द इन नलकूपों में सर्वो स्टेब्लाइजर कंट्रोल पैनल व पंपिंग प्लांट लगाएगा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : सिंचाई विभाग हस्तांतरित किए गए 15 नलकूपों में सुरक्षा उपकरण लगाने की शासन ने अनुमति दे दी है। इसके लिए 2.59 करोड़ रुपए की भी शासन ने स्वीकृति दी है। जलसंस्थान जल्द इन नलकूपों में सर्वो स्टेब्लाइजर, कंट्रोल पैनल व पंपिंग प्लांट लगाएगा। इससे बिजली के अचानक उतार-चढ़ाव या अन्य कारणों से नलकूपों की फुंकने की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
जलसंस्थान ने सिंचाई विभाग के नलकूपों को पेयजल लाइनों से जोड़कर जलापूर्ति करता है। सिंचाई विभाग के 100 से अधिक नलकूप पेयजल लाइनों से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2018 में जलसंस्थान ने ऐसे नलकूप जिनका 80 फीसद से अधिक पानी पेयजल के लिए प्रयोग होता है, उनके सिंचाई विभाग से हस्तांतरण की मांग की। इसके बाद शासन ने 15 नलकूपों को सिंचाई विभाग से जलसंस्थान को हस्तांतरित कर दिया। नई नलकूपों में सुरक्षा उपकरण नहीं लगे हुए थे। ऐसे में बिजली के उतार-चढ़ाव व अन्य कारणों से मोटर फुंकने की संभावना काफी अधिक रहती है।
जलसंस्थान ने इन नलकूपों में सर्वो स्टेबलाइजर, कंट्रोल पैनल व पंपिंग प्लांट लगाने के लिए 259.14 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सिंचाई विभाग निर्धारित दिनों में निश्चित समय तक नलकूप चलाता है। जबकि जलसंस्थान को साल भर रोजाना कई घंटे नलकूपों का संचालन करना पड़ता है। नलकूपों में सुरक्षा उपकरण नहीं लगे होने से अक्सर फुंकने की समस्या आती है। इससे मरम्मत कर जलापूर्ति सुचारु करने में सात से 10 दिन का समय लग जाता है।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए जलसंस्थान ने 15 नलकूपों में सर्वो स्टेबलाइजर, कंट्रोल पैनल व पंपिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आला अफसरों की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गयी है। शासन से बजट मिलते ही नलकूपों में सुरक्षा उपकरण लगाने के काम कराए जाएंगे।